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यूक्रेन में रूस सफल हुआ तो चीन भी LAC पर कर सकता है घुसपैठ...भारत जितना मजबूत होगा, दुनिया में उतनी ही शांति होगी: पूर्व अमेरिकी शीर्ष अधिकारी

By विनीत कुमार | Updated: March 6, 2023 09:57 IST

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नई दिल्ली: पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस ने आशंका जताई है कि अगर यूक्रेन में रूसी हमले पर चीन गहराई से नजर रख रहा है। जिम मैटिस के अनुसार रूस की कार्रवाई अगर सफल होती है तो चीन भी भारत के साथ लगे एलएसी पर हमले कर सकता है। मैटिस ने 3 मार्च को रायसीना डायलॉग के 8वें संस्करण के दौरान 'पुराने, नए और अपरंपरागत: समकालीन संघर्षों का आकलन' विषय पर चर्चा में बोलते हुए यह बात कही।

इस चर्चा के दौरान अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव से पूछा गया कि अमेरिका क्या चीन से निपटने के लिए तैयार है? इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका तैयार है। इस कार्यक्रम के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और ऑस्ट्रेलिया डिफेंस फोर्स के चीफ जनरल एंगस जे कैंपबेल भी मौजूद थे।

यूक्रेन को अमेरिका के समर्थन पर क्या बोले मैटिस

अमेरिका के पूर्व रक्षा सचिव जिम मैटिस ने आगे कहा कि रूस के खिलाफ अमेरिका की ओर से यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि चीन करीब से पूरी जंग को देख रहा है और अगर रूस अपने अभियान में यूक्रेन के खिलाफ सफल होता है तो भला चीन क्यों एलएसी पर भारत के खिलाफ आगे बढ़ने से हिचकेगा। पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि रूस को तीन सप्ताह के युद्ध में यूक्रेन पर जीत हासिल करनी चाहिए थी, लेकिन पश्चिमी देशों की फंडिंग से यूक्रेन को रूस को अपने क्षेत्र से बाहर धकेलने के लिए साधन मिल रहे है। मैटिस ने कहा, 'हम रूस को निराश होते हुए देख रहे हैं।'

'दुनिया में शांति के लिए भारत का मजबूत होना जरूरी'

दूसरी ओर जनरल एंगस कैंपबेल ने रूस-यूक्रेन युद्ध को अवैध करार दिया और जोर देकर कहा कि यह एक संप्रभु राष्ट्र की अखंडता का उल्लंघन है। जिम मैटिस ने भी कहा था कि भारत सैन्य रूप से जितना मजबूत होगा, दुनिया भर में स्थिति उतनी ही शांत होगी।

वहीं, यूक्रेन संघर्ष से सामने आए सबक के मुद्दे पर बोलते हुए जनरल अनिल चौहान ने कहा कि युद्ध के कई सबक हैं, सभी लेकिन सामन रूप से लागू नहीं होते हैं। रक्षा स्टाफ प्रमुख ने आगे कहा 'हमें यह देखना होगा कि भारतीय संदर्भ में क्या लागू होता है।'

पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव मैटिस ने कहा कि भारतीय सेना को नई तकनीक की जरूरत है क्योंकि जितना अधिक ये राष्ट्र मजबूत रहेगा और अपने लिए बोलेगा, दुनिया भर में चीजें शांत होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं करने' पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत के रूस से संबंध है जिसने उस संदेश को मजबूत और प्रभावी बनाया होगा। हम इसके लिए आपके प्रधानमंत्री के आभारी हैं।'

मैटिस ने आगे कहा कि अगर रूस अपने यूक्रेन आक्रमण में सफल हो जाता है तो चीन को एलएसी के साथ-साथ वियतनाम और फिलीपींस के खिलाफ दक्षिण चीन सागर में भी आगे बढ़ने का मौका नजर आएगा। 

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादचीनLine of Actual Control
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