जनहित याचिका से प्रतिवादी के तौर पर हटाए जाने की आरएसएस की अर्जी खारिज

By भाषा | Published: July 11, 2019 01:41 PM2019-07-11T13:41:58+5:302019-07-11T13:41:58+5:30

जनार्धन मून की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 20 सितंबर, 2017 को अदालत ने आरएसएस के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी और नागपुर महानगरपालिका (एनएमसी) को नोटिस जारी किया था।

RSS petition for removal of PIL as respondent | जनहित याचिका से प्रतिवादी के तौर पर हटाए जाने की आरएसएस की अर्जी खारिज

याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनएमसी कर दाताओं के धन से 1.37 करोड़ रुपये लागत का कामकाज डॉक्टर हेडगवार स्मृति मंदिर में करा रही है।

Highlightsआरएसएस द्वारा अपना नाम हटाने का अनुरोध करने वाली याचिका में दलील दी गई थीन्यायमूर्ति आर. के. देशपांडे और न्यायमूर्ति विनय जोशी की खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी।

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने शहर के रेशिमबाग इलाके में स्थित डॉक्टर हेडगवार स्मृति मंदिर के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका से प्रतिवादी के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नाम हटाने की अर्जी बुधवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति आर. के. देशपांडे और न्यायमूर्ति विनय जोशी की खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी। जनार्धन मून की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 20 सितंबर, 2017 को अदालत ने आरएसएस के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी और नागपुर महानगरपालिका (एनएमसी) को नोटिस जारी किया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनएमसी कर दाताओं के धन से 1.37 करोड़ रुपये लागत का कामकाज डॉक्टर हेडगवार स्मृति मंदिर में करा रही है।

आरएसएस द्वारा अपना नाम हटाने का अनुरोध करने वाली याचिका में दलील दी गई थी कि संगठन का डॉक्टर हेडगवार स्मारक स्मृति से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, अदालत को यह बताया गया कि मेमोरैंडम ऑफ एसोसिएशन के नियमों 7ए/7बी और डॉक्टर हेडगवार स्मारक स्मृति के नियमानुसार ‘सरसंघचालक’ स्मृति के अध्यक्ष थे। 

Web Title: RSS petition for removal of PIL as respondent

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