वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (15 मई) को आत्मनिर्भर भारत पैकेज तहत खेती-किसानी से जुड़े क्षेत्र को 1,63, 343 करोड़ देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज तहत 11 उपायों की घोषणा की, इनमें से 8 बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और बेहतर लॉजिस्टिक के निर्माण से संबंधित हैं, जबकि बाकी 3 शासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री ने आवश्यक वस्तु अधिनियम (1955) के नियमों में संशोधन करने की जानकारी दी।
पढ़ें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के घोषणा की 10 बड़ी बातें
1. शीत भंडारण संयंत्रों, यार्ड जैसी बुनियादी संरचनाओं के निर्माण के लिये एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी संरचना कोष बनाने की घोषणा की 2. सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों को औपचारिक बनाने के लिये 10 हजार करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है इससे करीब दो लाख सूक्ष्म खाद्य इकाईयों को लाभ मिलेगा3. मत्स्यपालन, मछली उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये जरूरत ढांचागत सुविधाओं खड़ी करने के वास्ते 20 हजार करोड़ रुपये की घोषणा 4. 53 करोड़ पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग से बचाने के लिये 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को लेकर 13,343 करोड़ रुपये के कोष की शुरुआत होगी5. डेयरी प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिये 15 हजार करोड़ रुपये का पशुपालन बुनियादी संरचना विकास कोष बनाने की घोषणा की6. औषधीय खेती को बढ़ावा देने, अगले दो साल में 10 लाख हेक्टेयर के रकबे को औषधीय खेती के दायरे में लाने के लिये चार हजार करोड़ रुपये की घोषणा की7. मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन, ग्रामीण क्षेत्रों के दो लाख मधुमक्खी पालकों को होगा लाभ8. सभी फलों और सब्जियों तक ऑपरेशन हरित के विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष। परिवहन, भंडारण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी9. सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी; अनाज, खाद्य तेलों, तिलहनों, दालों, आलू और प्याज को इस कानून के दायरे से नियमन मुक्त किया जायेगा। कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार से किसानों को विपणन का विकल्प मिलेगा।10. आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों और मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी। राष्ट्रीय आपदा, भुखमरी जैसी आपात स्थितियों में ही भंडारण सीमा रहेगी।