Rohtas Road Accident: राजस्थान से गया जा रही बस की ट्रक से भीषण टक्कर, तीन की मौत; 15 घायल
By अंजली चौहान | Updated: September 30, 2024 16:50 IST2024-09-30T16:48:21+5:302024-09-30T16:50:36+5:30
Rohtas Road Accident: बिहार के रोहतास जिले में सोमवार सुबह एक तेज रफ्तार बस के एक खड़े ट्रक में पीछे से टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।

Rohtas Road Accident: राजस्थान से गया जा रही बस की ट्रक से भीषण टक्कर, तीन की मौत; 15 घायल
Rohtas Road Accident: बिहार के रोहतास जिले में सोमवार, 30 सितंबर को भीषण सड़क हादसा हुआ है। यात्रियों से भरी बस की ट्रक से टक्कर होने के कारण दर्जनों यात्री घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इस दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग गंभीर रूप से जख्मी बताए जा रहे हैं। पीड़ित राजस्थान के जालौर जिले के रहने वाले थे और हिंदू रीति-रिवाज के तहत पिंडदान के लिए गया जा रहे थे। चेनारी थाना क्षेत्र के खुर्माबाद गांव के पास एनएच-19 पर बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
इस घटना में बचे चश्मदीद यात्री गंगा सिंह चौहान ने कहा, "हम राजस्थान के जालौर जिले के निवासी हैं। सभी यात्री बस से गया जा रहे थे, तभी बस एक खड़े ट्रक से टकरा गई। टक्कर में तीन लोगों की जान चली गई, जबकि 15 अन्य घायल हो गए।" हादसे में जान गंवाने वाले पीड़ितों की पहचान राजस्थान के रहने वाले गोवर्धन सिंह, बाला सिंह और राजेंद्र सिंह के रूप में हुई है।
एनएचएआई एंबुलेंस के नर्सिंग स्टाफ समेत आपातकालीन प्रतिक्रिया दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सासाराम भेज दिया गया है।
बिहार: रोहतास नेशनल हाईवे पर खड़ी ट्रक में बस की टक्कर से 3 लोगों की मौत। एक दर्जन से अधिक लोग घायल। घायलों को सासाराम सदर अस्पताल ले जाया गया है। pic.twitter.com/3b2R7mH3jJ
— Abhinav Rajput (@AbhinavOffcial) September 30, 2024
गौरतलब है कि पिंडदान करने का एक महत्वपूर्ण आयोजन पितृ पक्ष मेला 17 सितंबर से बिहार के गया जिले में चल रहा है। सोमवार को इस विश्व प्रसिद्ध मेले का 14वां दिन है, जिसमें न केवल बिहार बल्कि पड़ोसी राज्यों जैसे झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से भी तीर्थयात्री आते हैं।
इससे पहले रविवार को बिहार के कैमूर जिले में एक बस दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई।
इसके अलावा, देश के अन्य हिस्सों और विदेशों से भी भक्त अपने पूर्वजों को सम्मानित करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए हिंदू अनुष्ठान पिंडदान करने के लिए गया आते हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष मेला 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा, जिससे तीर्थयात्री आध्यात्मिक समारोहों और प्रार्थनाओं में भाग ले सकेंगे, जिनका हिंदू परंपराओं में बहुत महत्व है। बता दें कि यह आयोजन एक प्रमुख धार्मिक समागम है, गया इस अनुष्ठान को करने के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है।