रॉबर्ट वड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा की बढ़ी मुश्किलें, बेमियादी गैर जमानती वारंट के लिए कोर्ट पहुंचा ED
By भाषा | Published: January 5, 2019 06:38 PM2019-01-05T18:38:16+5:302019-01-05T18:38:16+5:30
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के एक मामले में रॉबर्ट वड्रा के कथित करीबी सहायक मनोज अरोड़ा के खिलाफ बेमियादी गैर जमानती वारंट जारी करने के लिये शनिवार को दिल्ली की एक अदालत का रूख किया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष यह अनुरोध किया। मामले पर आठ जनवरी को सुनवाई होगी।
एजेंसी ने अदालत से कहा कि बार-बार सम्मन जारी किये जाने के बावजूद अरोड़ा पूछताछ के लिये उपस्थित होने में विफल रहा।
ईडी ने दावा किया कि अरोड़ा मामले में महत्वपूर्ण व्यक्ति है। उसे विदेशों में वड्रा की अघोषित संपत्तियों की जानकारी है और इस तरह की संपत्तियों के लिये धन की व्यवस्था करने में उसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वड्रा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई हैं। अन्य गैर जमानती वारंट की तरह बेमियादी गैर जमानती वारंट की तीमाल के लिए समय सीमा नहीं होती।
वकील ए आर आदित्य के जरिए दाखिल याचिका में ईडी ने दावा किया है कि लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति खरीदने के लिए यूएई से धन के प्रवाह का इस्तेमाल किया गया और इस संपत्ति का कथित तौर पर मालिकाना हक वड्रा के पास है। ईडी ने कहा है कि काला धन कानून के तहत जांच की गयी है ।
एजेंसी ने अपनी याचिका में कहा है, ‘‘12, ब्रायनस्टन स्कवायर, लंदन, ब्रिटेन में संपत्ति पर वड्रा का लाभकारी नियंत्रण है। इसकी कीमत 19 लाख पाउंड आंकी गयी। इस संपत्ति का मरम्मत कार्य कराने के साथ ही इसके लिए धन की भी व्यवस्था की गयी ।’’
एजेंसी के मुताबिक, संजय भंडारी ने 19 लाख पाउंड में संपत्ति की खरीदारी की और मरम्मत के लिए इस पर 65,900 पाउंड का अतिरिक्त खर्चा होने के बावजूद 2010 में इसी कीमत पर इसकी बिक्री कर दी गयी । ईडी ने अपनी अर्जी में कहा कि एजेंसी द्वारा परिसर की तलाशी के बाद से अरोड़ा फरार है।