'हुजूर, मैं अब ऊब चुका हूं': राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने कोर्ट से कर दी इच्छा मृत्यु की मांग
By एस पी सिन्हा | Updated: July 30, 2025 16:32 IST2025-07-30T16:32:16+5:302025-07-30T16:32:16+5:30
बताया जाता है कि रीतलाल यादव सुनवाई के दौरान गिड़गिड़ाने लगे और जज से गुहार लगाते हुए कहा कि 'हुजूर, मुझे इच्छा मृत्यु दीजिए। मेरे ऊपर केस पर केस लादा जा रहा है। मेरी पैरवी करने वाला कोई नहीं है।

'हुजूर, मैं अब ऊब चुका हूं': राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने कोर्ट से कर दी इच्छा मृत्यु की मांग
पटना: बिहार के भागलपुर की जेल में बंद दानापुर से राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने कोर्ट से इच्छा मृत्यु की मांग कर दी है। दरअसल, रीतलाल यादव को बुधवार को पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान उन्होंने जज से कहा कि उसे इच्छा मृत्यु की मांग कर दी। बताया जाता है कि रीतलाल यादव सुनवाई के दौरान गिड़गिड़ाने लगे और जज से गुहार लगाते हुए कहा कि 'हुजूर, मुझे इच्छा मृत्यु दीजिए। मेरे ऊपर केस पर केस लादा जा रहा है। मेरी पैरवी करने वाला कोई नहीं है। उन्होंने जज के सामने कहा कि मेरा ट्रांसफर भागलपुर जेल से बेऊर जेल में किया जाए।
रीतलाल यादव ने कहा कि हुजूर, मैं अब ऊब चुका हूं। रीतलाल यादव के खिलाफ पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। उनको 1 मई 2025 को पटना की बेऊर जेल से भागलपुर कैंप जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। भागलपुर जेल में रीतलाल यादव को टी-सेल में रखा गया है।
बता दें कि बिल्डर से 50 लाख की रंगदारी मांगने के मामले में 17 अप्रैल को रीतलाल यादव ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। जिसके बाद उन्हें बेऊर जेल भेज दिया गया। वहीं बेऊर जेल में बंद रीतलाल यादव लगातार अपने लोगों से मिल रहे थे जो पहले से ही अलग-अलग मामलों में बेऊर जेल में बंद थे। जब इस बात की भनक पटना पुलिस को लगी तो पुलिस को आशंका हुई कि रीतलाल यादव जेल में बैठे बैठे किसी बड़ी आपराधिक घटना को अपने लोगों के द्वारा अंजाम दिलवा सकता है। जिला प्रशासन ने इनपुट के आधार पर रिपोर्ट तैयार किया और उसे कारा विभाग को भेजा।
रिपोर्ट में राजद विधायक को पटना से भागलपुर जेल में शिफ्ट करने की सिफारिश की गई। वहीं रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने रीतलाल यादव को भागलपुर जेल में शिफ्ट करने का आदेश दे दिया। इधर, एक तरफ जहां दानापुर के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव पहले से ही कानून की आंखों में किरकिरी बने हुए हैं वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी रिंकू कुमारी पर भी पुलिस मुख्यालय ने कानूनी बिसात बिछा दी है।
एडीजी(ऑपरेशन) कुंदन कृष्णन ने खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर सिफारिश की है कि सरकारी सेविका रिंकू कुमारी पर कार्रवाई की जाए, क्यूंकि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में बिजनेस पार्टनर बनते हुए "सरकारी आचरण संहिता" का सीधा उल्लंघन किया है। मामले की जानकारी तब सामने आई जब बिहार एसटीएफ ने विधायक रीतलाल यादव से जुड़े केस का रिव्यू शुरू किया।
इस केस की तह में जाते-जाते एक ऐसा नाम सामने आया जिसने सबको चौंका दिया विजय कंस्ट्रक्शन कंपनी। इस कंपनी में कोई और नहीं बल्कि रिंकू कुमारी, यानी खुद विधायक की पत्नी, 11 नवंबर 2017 से बिजनेस पार्टनर हैं। और ये सब कुछ हुआ जबकि वो सरकारी स्कूल में बतौर नियोजित टीचर ड्यूटी पर थीं।
कुंदन कृष्णन ने पत्र में साफ-साफ लिखा है कि सरकारी सेवा में रहते हुए किसी भी प्रकार का व्यवसाय करना बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 के नियम 16(1) के विपरीत है। यानी एक तरफ सरकारी सैलरी, दूसरी तरफ ठेके और टेंडर का खेल और ये सब खुलेआम।
रिंकू कुमारी की पोस्टिंग पटना जिले के कोथवां मुसहरी के प्राथमिक विद्यालय में है। 1 जुलाई 2006 से वह इसी स्कूल में नियोजित शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। 19 सालों से एक ही जगह डटी रहीं, और इसी दौरान बिल्डर पार्टनरशिप भी शुरू हो गई सवाल ये भी है कि क्या यह ‘स्थायी पोस्टिंग’ भी किसी सेटिंग का नतीजा है?