नयी दिल्ली, 18 मार्च शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी द्वारा कुरान की 26 आयतों को हटाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय में दायर एक याचिका की पृष्ठभूमि में प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद (महमूद मदनी गुट) ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘इसे सिर्फ़ पवित्र कुरान मजीद पर हमला न समझा जाए, बल्कि इससे तमाम धर्मों के पवित्र ग्रंथों पर हमले का मार्ग प्रशस्त होता है।’’
जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने एक बयान में कहा, “शीर्ष अदालत को स्वयं अपने पिछले फैसलों के मद्देनजर पवित्र कुरान के संबंध में किसी तरह का फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है। देश के संविधान ने सभी धर्मों की मान्यताओं और दृष्टिकोणों के सम्मान और हर एक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार दिया है।”
मदनी ने उच्चतम न्यायालय से रिज़वी की कुरान के संबंध में दायर अर्ज़ी को खारिज करने की गुजारिश की है।
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