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दक्षिण बिहार में असमय सूखने लगी हैं नदियां, बढ़ सकता है जल संकट

By एस पी सिन्हा | Updated: November 12, 2022 15:49 IST

नदियों का इतना जल्दी सूखना निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। नदियों में जल का स्तर बने रहने से सिंचाई का सबसे बड़े स्रोत साबित होता था। इससे भूगर्भ जल भी ठीक रहता था। नदियों के असमय सूख जाने से भूगर्भ जल भी प्रभावित हुआ है। जलस्तर काफी नीचे चला गया है।

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ठळक मुद्देजानकार बता रहे हैं कि दक्षिण बिहार और झारखंड से सटे इलाकों में इस साल पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हुई है। इस कारण यहां की नदियों में भी पर्याप्त मात्रा में पानी जमा नहीं हो सका।अब जबकि मॉनसून खत्म हो गया है, ऐसे में इन नदियों में पानी नहीं बचा है।

पटना: मॉनसून के विदा होते ही बिहार में जल संकट ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी ठंड का मौसम की शुरूआत ही है। इस बीच दक्षिण बिहार में बहने वाली नदियां सूखने लगी हैं। हालांकि उत्तर बिहार की नदियों में पानी की कोई कमी नहीं है लेकिन दक्षिण बिहार में नदियों के असमय सूखने से लोगों की चिंतायें बढ़ने लगी हैं। दक्षिण बिहार के जिलों में भूगर्भ जल का स्तर भी काफी नीचे चला गया है। यह चिंता का विषय बन गया है।

जानकार बता रहे हैं कि दक्षिण बिहार और झारखंड से सटे इलाकों में इस साल पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं हुई है। इस कारण यहां की नदियों में भी पर्याप्त मात्रा में पानी जमा नहीं हो सका। अब जबकि मॉनसून खत्म हो गया है, ऐसे में इन नदियों में पानी नहीं बचा है। नदियों में असमय पानी सूखना एक बड़े खतरे का सूचक माना जा रहा है। ऐसे में यह माना जाने लगा है कि दक्षिण बिहार बड़े खतरे की ओर बढ़ रहा है। 

नदियों का इतना जल्दी सूखना निश्चित तौर पर चिंता का विषय है। नदियों में जल का स्तर बने रहने से सिंचाई का सबसे बड़े स्रोत साबित होता था। इससे भूगर्भ जल भी ठीक रहता था। नदियों के असमय सूख जाने से भूगर्भ जल भी प्रभावित हुआ है। जलस्तर काफी नीचे चला गया है। ऐसी स्थिति रही तो दक्षिण बिहार में पेयजल का भी संकट हो सकता है। बांका, भागलपुर, गया व नालंदा में नदियां सूख गई हैं। 

6 नदियां पूरी तरह सूख चुकी हैं, जबकि 5 नदियों में तो पानी मापने के योग्य भी नहीं है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार बांका में चिरगेरुआ, भागलपुर में खलखलिया, गया में जमुने व मोरहर, नालंदा में मोहाने व नोनई में पानी नहीं है। ये नदियां पूरी तरह सूख चुकी हैं। जबकि दरभंगा के जीवछ, गोपालगंज में झरही, कटिहार में कारी कोसी, मधुबनी में थोमाने व सीतामढ़ी में मोरहा में पानी तेजी से नीचे चला गया है। इन्हें मापा भी नहीं जा सकता है। यहां पानी में कोई बहाव भी नहीं है। ये नदियां भी तेजी से सूख रही हैं। जानकार इसे किसी बड़े खतरा के संकेत मान रहे हैं।

टॅग्स :बिहारWater Resources Department
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