पटनाः दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव ने रंगदारी मामले में गुरुवार को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में पटना के बेऊर जेल भेज दिया। रीतलाल यादव पर बिल्डर से रंगदारी मांगने का आरोप था। साथ ही साथ धमकी देने का भी आरोप लगा था। पुलिस लगातार उनकी तलाश में छापामारी कर रही थी। जिसके बाद राजद विधायक ने अपने भाई और भांजे के साथ कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं, आत्मसमर्पण करने के बाद मीडिया से बातचीत में रीतलाल यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को साजिश बताते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में साजिश रची है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उनकी हत्या करना चाहती है। उन्होंने कहा कि उन्हें डर है कि जेल में उनकी हत्या ना कर दी जाए।
उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने हमारे घर पर जो छापा मारा था, उसका असली मकसद एके47/ एके56 जैसे प्रतिबंधित हथियार को उनके घर पर रखकर फंसाना था। उन्होंने बिल्डर से रंगदारी मामले में कहा कि बिल्डर के द्वारा कुछ गरीबों की जमीन ली जा रही थी। हमने उसे पंचायत कर सुलह करा दी थी, लेकिन बाद में बिल्डर पर दबाव डालकर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया।
ताकि मुझे फसाया जा सके और मेरी हत्या कराई जा सके। उन्होंने कहा कि दानापुर विधानसभा सीट से हमारे विरोधी पार्टी भाजपा को जिताने की यह पूरी तरह साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि जनता हमारे साथ है। मैं दानापुर से चुनाव लड़ूंगा और फिर मेरी जीत होगी। बता दें कि पुलिस ने 11 अप्रैल को उससे संबंधित 11 स्थानों पर तलाशी ली और करीब 10.5 लाख रुपये, 77.5 लाख रुपये के खाली चेक, भूमि हड़पने के 14 दस्तावेज और समझौते, 17 चेकबुक और पांच स्टांप, छह पेन ड्राइव और वॉकी-टॉकी बरामद किए थे।
रीतलाल यादव के ठिकानों से 10 लाख से अधिक नकद, ब्लैंक चेक और कई कागजात व पेनड्राइव आदि मिले थे। सूत्र बताते हैं कि पुलिस अब इनकम टैक्स की मदद भी ली है। विधायक के बैंक खाते, संपत्ति और निवेश की जांच की जा रही है। संदेह है कि अपराध से विधायक ने धन अर्जित की और उसे वैध रूप देने की कोशिश की। जांच में अगर पुष्टि हुई तो मनी लॉन्ड्रिंग का भी मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।
राजद विधायक रीतलाल यादव के जेल जाने पर सत्तापक्ष ने कसा तंज, विपक्ष ने दी सफाई
दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव के द्वारा रंगदारी, जालसाजी और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोपों पर दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिए जाने के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई है। इसी मुद्दे को लेकर जदयू ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट शेयर करते हुए तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि माननीय तेजस्वी जी, कैसा लगा सुशासन का सौगात? उन्होंने कहा कि एक तरफ महागठबंधन की बैठक और दूसरी तरफ आपके ‘राजनीतिक रत्न’ का जेल में गृह प्रवेश!
यही है सुशासन का राज- चाहे कोई भी हो, अपराधी कानून से नहीं बच सकता। कानून का कील ठोक दिया जाता है। नीरज कुमार ने भी कहा है कि यह राजद की शरुआत है। राजद के और विधायक हैं जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज है और वो जेल से बाहर हैं। उनपर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा बिहार में अपराध करने वाला चाहे किसी दल, जाति, धर्म का हो कानून का 'वज्रपात' उसपर जरूर होगा।
वहीं, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि दानापुर के विधायक ने आज न्यायालय में आत्मा समर्पण किया है। अब उनके कानूनी सलाहकार माननीय न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे। लेकिन किस तरह से विरोधी दल के नेताओं के साथ सत्ता का दुरुप्रयोग किया जा रहा है सबको पता है। हालांकि, न्यायालय न्याय करेगा।
उधर, भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि नेचर और सिग्नेचर कभी नहीं बदलता है। यही बात राजद के स्वभाव संस्कार और संस्कृति में हर वक्त परीक्षित होता है। बिहार में कानून में सुशासन का राज कायम है। कानून जब अपना काम करती है तो राजद विधायक को आत्मसमर्पण करना पड़ता है। राजद के लोग ये भूल जाए, लाठी और डंडे की सरकार नहीं है।
तेजस्वी यादव अपनी प्रक्रिया में सुधार लाए। जबकि कांग्रेस प्रवक्ता स्नेहाशीष वर्धन ने कहा कि रीतलाल यादव का आत्मसमर्पण इसके सामने न होकर न्यायालय के सामने हुआ है। ये बताने के लिए काफी है कि पुलिसिया व्यवस्था पर किसी को भरोसा नहीं है। मगर, कोर्ट पर राज्य के सभी लोगों को भरोसा है, अब ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है।