काशी का पुनरुत्थान ऐतिहासिक क्षण : नए गलियारे पर कार्यक्रम में शामिल अतिथियों ने कहा
By भाषा | Updated: December 14, 2021 01:28 IST2021-12-14T01:28:55+5:302021-12-14T01:28:55+5:30

काशी का पुनरुत्थान ऐतिहासिक क्षण : नए गलियारे पर कार्यक्रम में शामिल अतिथियों ने कहा
(कुणाल दत्त)
वाराणसी, 13 दिसंबर हिंदुत्व नेता साध्वी ऋतंभरा और कई अन्य संतों ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन को "ऐतिहासिक क्षण" और शहर के प्राचीन गौरव के "पुनरुत्थान" की दिशा में एक कदम बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशाल परियोजना के पहले चरण के उद्घाटन में भारत के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में संतों और 'महंतों' ने भाग लिया।
दशाश्वमेध घाट पर शाम की गंगा आरती में शामिल होने के बाद ऋतंभरा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “जब इतिहास रचा जा रहा है, उसका साक्षी बनना एक अनुभव है.... काशी ने अतीत में बहुत दुख झेले, हमारी आस्था का शोषण हुआ और हमारे भक्ति के केंद्र नष्ट हो गए। लेकिन, समय-समय पर यहां लोगों ने अपनी आस्था भी जाहिर की है।”
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का पूरा नया परिसर सिर्फ एक भव्य इमारत नहीं है, बल्कि भारत की "सनातन संस्कृति", आध्यात्मिक आत्मा और इसकी पुरातनता और परंपराओं का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर, जो केवल 3,000 वर्ग फुट था, अब लगभग पांच लाख वर्ग फुट में फैल गया है।
ऋतंभरा ने कहा कि काशी को इस तरह के "भव्य रूप" में देखकर उन्हें अपार खुशी हुई। उन्होंने कहा, "यह एक बंजर भूमि की तरह था जिसे बारिश की बूंदें मिली हों।"
समारोह में शामिल अन्य अतिथियों ने भी इसे एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया।
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