कोकराझार, 18 दिसंबर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के नेतृत्व वाले प्रशासन के लिए अपने पहले साल में सबसे बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिए शांति जरूरी है और सरकार विकास का पहिया आगे बढ़ाने के लिए लोगों का विश्वास जीतने में सफल रही है।
बीटीआर में यूपीपीएल-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-जीएसपी (गण सुरक्षा पार्टी) प्रशासन के पहले वर्ष के पूरा होने के उपलक्ष्य में यहां एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए, सरमा ने क्षेत्र के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) प्रमोद बोरो और उनके सहयोगियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
सरमा ने कहा कि बीटीआर प्रशासन के लिए शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के मामले में पिछला वर्ष चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार कई उग्रवादी संगठनों को बातचीत की मेज पर लाने में सक्षम रही है और इसने बोडो क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने में योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि बीटीआर के लोग भी समझ गए हैं कि विकास के लिए शांति जरूरी है और वे यह सुनिश्चित करने में क्षेत्रीय प्रशासन के समान भागीदार रहे हैं कि क्षेत्र में हिंसा अतीत की बात हो गई है।
सरमा ने बीटीआर क्षेत्र में विभिन्न विकास गतिविधियों को भी रेखांकित किया, जिसमें आत्मसमर्पण करने वाले एनडीएफबी उग्रवादियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, बोडो भाषा को राज्य की सहायक भाषा बनाने और पूर्व विद्रोहियों के खिलाफ आपराधिक मामलों को वापस लेने की पहल जैसे बीटीआर समझौते के कई खंडों को लागू करना शामिल है।
उन्होंने बीटीआर के लोगों से भी आत्मनिर्भर बनने की अपील की है और अधिकारियों से भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन चलाने का आग्रह किया है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए रेल और कपड़ा राज्य मंत्री दर्शन विक्रम जरदोश ने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा नीत सरकारें बीटीआर सहित पूरे देश के विकास के नए दृष्टिकोण के साथ काम कर रही हैं।
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