गुजरात के रेजीडेंट डॉक्टरों ने ‘काला दिवस’ मनाया
By भाषा | Published: August 7, 2021 09:03 PM2021-08-07T21:03:45+5:302021-08-07T21:03:45+5:30
अहमदाबाद, सात अगस्त गुजरात के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने शनिवार को काले कपड़े पहनकर ‘‘काला दिवस’’ मनाया।
राज्य सरकार ने उनकी हड़ताल को ‘‘अवैध’’ करार दिया है जबकि दो कॉलेजों ने अपने रेजीडेंट डॉक्टरों को छात्रावास परिसर खाली करने का आदेश दिया जिसके बाद रेजीडेंट डॉक्टरों ने अपना विरोध दर्ज कराया।
उल्लेखनीय है कि जामनगर और वडोदरा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रशासन ने हड़ताल जारी रखने पर रेजीडेंट डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से छात्रावास खाली करने को कहा है।
राज्य के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों के कम से कम दो हजार रेजीडेंट डॉक्टर बॉन्ड सेवा अवधि और सातवें वेतन आयोग के मुद्दे पर गत बुधवार से हड़ताल पर हैं।
हड़ताल में शामिल एक डॉक्टर ने कहा, ‘‘हम वहीं कोरोना योद्धा हैं जिन्होंने अपने खाने-पीने की चिंता छोड़कर ड्यूटी की। हमनें सुनिश्चित किया कि कोविड-19 मरीजों का ठीक से इलाज हो। इसी सरकार ने हम लोगों को कोरोना योद्धा बताकर पुष्प वर्षा की थी और अब हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रही है।’’
गुजरात में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने होते हैं जिसके मुताबिक पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद एक साल की सेवा ग्रामीण इलाकों में देनी होती है और नियम तोड़ने पर 40 लाख रुपये भरने होते हैं।
बडौदा मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ.तनुजा जावडेकर ने कहा कि रेजीडेंट डॉक्टरों को छात्रावास खाली करने का नोटिस दिया गया है लेकिन अधिकारी अब भी उन्हें हड़ताल खत्म करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सरकार से आदेश मिला है कि हड़ताल में शामिल प्रशिक्षु (इंटर्न) और रेजीडेंट डॉक्टरों से छात्रावास खाली कराया जाए। उन्हें नोटिस दिया गया है। हम उन्हें ड्यूटी पर लौटने के लिए भी मनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
इसी प्रकार, जामनगर स्थित श्री एमपी शाह मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने भी हड़ताल पर गए रेजीडेंट डॉक्टरों को छात्रावास खाली करने का नोटिस दिया है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को ‘गैर कानूनी’ करार देते हुए चेतावनी दी थी कि अगर वे काम नहीं लौटे तो उनके खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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