उत्तर प्रदेश: भाजपा में भीतरघातियों के खिलाफ बढ़ी नाराजगी, उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 10, 2024 21:30 IST2024-06-10T21:27:14+5:302024-06-10T21:30:52+5:30
इस मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहते हैं तमाम नेताओं ने अपनी हार को लेकर तमाम बातें कही है, जल्दी उन पर विचार विमर्श कर फैसला लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश: भाजपा में भीतरघातियों के खिलाफ बढ़ी नाराजगी, उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के भीतर बवाल मचा है। इस चुनाव में हारे डेढ़ दर्जन से अधिक भाजपा नेताओं ने अपनी हार की वजह पार्टी के भीतरघातियों को माना है। कुछ जीते हुए नेताओं ने भी अपनी जीत का अंतर कम होने का कारण भी भीतरघातियों के मथे फोड़ा है। फिलहाल पार्टी के हारे-जीते दो दर्जन नेताओं ने चुनाव के दौरान भीतरघात करते भीतरघातियों के बारे में पार्टी नेतृत्व को बताकर उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग ही है। इस मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहते हैं तमाम नेताओं ने अपनी हार को लेकर तमाम बातें कही है, जल्दी उन पर विचार विमर्श कर फैसला लिया जाएगा।
पूर्व मंत्री भीतरघातियों के खिलाफ मुखर :
उत्तर प्रदेश में इस बार के चुनाव में भाजपा को अप्रत्याशित तरीके से करीब-करीब आधी सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने की मंशा के साथ चुनाव मैदान में उतरी भाजपा मात्र 33 सीटों पर ही जीत पाने में सफल हुई। जबकि उसके सात केंद्रीय मंत्रियों और दो राज्य मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। यही नहीं जो जिस भाजपा के बीते लोकसभा चुनाव में तमाम उम्मीदवार 50 प्रतिशत से अधिक वोट से जीते थे, इस बार उनकी उनकी जीत का मार्जिन बहुत ही कम रहा। जीत से अंतर के कम होने को तमाम भाजपा नेताओं ने भीतरघातियों की करामात बताया है। उन्नाव से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले साक्षी महाराज ने इस बार अपनी जीत का अंतर कम होने का कारण भितरघात को माना है।
उन्होंने कहा, पार्टी के कुछ गद्दारों और आस्तीन के सांपों की वजह से उनके वोट कम हुए हैं। इसी प्रकार केंद्रीय मंत्री रहीं साध्वी निरंजन ज्योति भी फतेहपुर सीट से अपनी हार का कारण पार्टी के अंदर के कुछ लोगों का भितरघात बता रही हैं। मोहनलालगंज सीट से चुनाव हारे केंद्रीय राज्य मंत्री रहे कौशल किशोर भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर भीतरघात करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को भी भीतरघात करने वाले कई नेताओं के बारे में बताया है। लालगंज सीट से हारने वाली भाजपा उम्मीदवार नीलम सोनकर ने भी अपनी हार के लिए स्थानीय पार्टी पदाधिकारियों के भितरघात को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) की मुखिया अनुप्रिया के करीबी लोगों ने भी कहा है कि मिर्जापुर सीट पर भाजपा के कई नेताओं ने अनुप्रिया को हराने के प्रयास किया था। मेरठ सीट से चुनाव जीते अरुण गोविल ने भी इशारों में अपने खिलाफ साजिश किए जाने की बात कह चुके हैं।
इन सीटों के प्रत्याशियों ने की शिकायत :
भाजपा नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, हर बार चुनाव परिणाम आने के बाद कुछ सीटों पर जीते हारे उम्मीदवार पार्टी नेताओं के ऊपर सहयोग ना करने का आरोप लगाते थे, लेकिन इस बार दो दर्जन से अधिक सीटों पर हारे और जीते हुए उम्मीदवारों से पार्टी नेताओं पर भीतरघात करने जैसा गंभीर आरोप लगाया है। इस तरह का आरोप लगाने वालों में मुजफ्फरनगर सीट से चुनाव हारे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी हैं। पार्टी के ही विधायक संगीत सोम से उनकी सियासी जंग जगजाहिर है। इसी तरह से बांदा सीट से चुनाव लड़े आरके पटेल के अलावा बस्ती, बाराबंकी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, कौशांबी, बदायूं, प्रतापगढ़, जौनपुर और सीतापुर सीट से चुनाव लड़े प्रत्याशियों ने पार्टी के नेताओं पर भितरघात करने का आरोप लगाए हैं।
इसके साथ ही लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर और फतेहपुर जैसी सीटों पर स्थानीय विधायकों और पदाधिकारियों पर व्यक्तिगत या स्थानीय कारणों से उम्मीदवारों के प्रचार के लिए बाहर नहीं निकलने का आरोप लगाया गया है। इस सीटों से चुनाव लड़े नेताओं ने पार्टी हाईकमान के साथ ही मुख्यमंत्री को भी अपने साथ हुए भीतरघात की रिपोर्ट सौंपी है। पार्टी नेताओं से मिली ऐसी रिपोर्ट के आधार पर पार्टी हाईकमान ने प्रदेश संगठन से भितरघात करने वालों को चिह्नित कर रिपोर्ट मांगी है। जिसके बाद पार्टी संगठन ने प्रदेश के हर बूथ की रिपोर्ट संगठन के पदाधिकारियों से मांगी है। इसके साथ ही सभी हारे हुए प्रत्याशियों और जीते सांसदों से भी एक-एक सीट पर बूथ वार रिपोर्ट मांगी गई है। कहा जा रहा है ये सारी रिपोर्ट मिलने के बाद भीतरघातियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।