सरकार ने माना- सिकुड़ रहे हिमालय के ग्लेशियर, जलवायु परिवर्तन है कारण

By भाषा | Published: July 14, 2019 01:37 PM2019-07-14T13:37:40+5:302019-07-14T13:37:40+5:30

Report: Himalayan glaciers shrinking, climate change is the reason | सरकार ने माना- सिकुड़ रहे हिमालय के ग्लेशियर, जलवायु परिवर्तन है कारण

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (Image Source: pixabay)

सरकार ने एक अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर स्वीकार किया है कि हिमालय के तमाम हिमनद (ग्लेशियर) बड़ी तादाद में अलग अलग अनुपात में न सिर्फ पिघल रहे हैं बल्कि पीछे भी खिसक रहे हैं। पयार्वरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है।

हिमालय के ग्लेशियरों के तेजी से घटने और भविष्य में इनके खत्म होने की आशंका से जुड़े कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य टी सुब्बीरामी रेड्डी और अंबिका सोनी के सवाल के जवाब में सुप्रियो ने बताया, ‘‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग के तहत वाडिया हिमालयी भूविज्ञान संस्थान द्वारा कुछ हिमालयी हिमनदों के अध्ययन से पता चला है कि बड़ी संख्या में हिमालयी हिमनद अलग अलग अनुपात में पिघल रहे हैं या पीछे खिसक रहे हैं।’’

अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार पिछली सदी के दूसरे भाग में (1950 के बाद कालखंड में) ग्लेशियरों के सिकुड़ने में वृद्धि की प्रवृत्ति में तेजी देखी गयी है, यद्यपि इनके पिघलने की कोई असामान्य प्रवृत्ति दर्ज नहीं की गयी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आने वाले सालों में 10 किमी क्षेत्रफल से अधिक आकार वाले बड़े हिमनदों के इस परिवर्तन से प्रभावित रहने की आशंका नहीं है।

हालांकि एक से दो किमी या इससे छोटे आकार वाले हिमनदों में तेजी से परिवर्तन देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में हिमालय क्षेत्र के विभिन्न भागों में ग्लेशियरों पर जलवायु परिवर्तन की स्थिति और प्रभाव के बारे में नीतिगत जानकारी जुटाने हेतु अनुसंधान परियोजनाओं को गति प्रदान की गयी है। ग्लेशियरों के पिघलने और खिसकने के कारण गंगा सहित अन्य हिमालयी नदियों में जल प्रवाह कम होने के सवाल पर उन्होंने बताया कि हिमनद क्षेत्र के अनुसार विभिन्न नदियों के बेसिन में जल आपूर्ति के लिये पिघलने वाले हिमनद भिन्न भिन्न होते हैं।

वाडिया हिमालयी भूविज्ञान संस्थान के अनुमान से पता चला है कि प्रमुख नदियों के जल प्रवाह में बर्फ का योगदान पूर्वी हिमालय में 10 प्रतिशत और पश्चिमी हिमालय में 60 प्रतिशत है। इसके अनुसार, शुष्क मौसम के दौरान भी बर्फ और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण नदियों में सतत जलप्रवाह बना रहता है। बर्फ के आवरण में कमी और लगातार ग्लेशियरों का पिघलना, सीधे तौर पर नदियों की पुनर्भरण प्रक्रिया को प्रभावित करता है।

Web Title: Report: Himalayan glaciers shrinking, climate change is the reason

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे