रेलिगेयर मामला : अदालत ने पूर्व सीईओ मनिंदर सिंह की जमानत याचिका खारिज की
By भाषा | Updated: November 12, 2020 23:02 IST2020-11-12T23:02:33+5:302020-11-12T23:02:33+5:30

रेलिगेयर मामला : अदालत ने पूर्व सीईओ मनिंदर सिंह की जमानत याचिका खारिज की
नयी दिल्ली, 12 नवंबर दिल्ली की एक अदालत ने 2,397 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के एक मामले में रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) मनिंदर सिंह की जमानत याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने मामले की गंभीरता पर विचार करते हुए सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि जांच के अनुसार मनिंदर ने अन्य आरोपी लोगों के साथ मिलकर कथित रूप से 2,397 करोड़ रुपये की हेराफेरी की और शिकायतकर्ता रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया तथा खुद व अन्य लोगों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आवेदक व आरोपी (मनिंदर सिंह) के खिलाफ रिकॉर्ड पर उपलब्ध स्पष्ट सबूत और अपराध की गंभीरता को देखते हुए वह जमानत के हकदार नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि जांच से खुलासा हुआ है कि मुख्य प्रबंधकीय पद पर रहते हुए सिंह ने कथित तौर पर ‘कॉरपोरेट लोन बुक’ की तरफ ध्यान नहीं दिया और प्रवर्तक की कंपनियों को पैसे देते रहे।
सिंह को 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के धन में हेराफेरी और अन्य कंपनियों में इसका निवेश करने के आरोप में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने पिछले साल फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तकों-मलविंदर सिंह और उसके भाई शिविंदर सिंह, आरईएल के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी, कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को गिरफ्तार किया था।
आर्थिक अपराध इकाई ने पिछले साल मार्च में आरएफएल के मनप्रीत सूरी से शिविंदर, गोधवानी और अन्य के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने कंपनी का प्रबंधन करते समय कर्ज लिया, लेकिन इस धन का दूसरी कंपनियों में निवेश कर दिया गया। इसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
आरएफएल आरईएल समूह की एक कंपनी है। पूर्व में इसके प्रवर्तक मलविंदर और उनके भाई शिविंदर थे।
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