अफगानिस्तान में मारे गये पत्रकार दानिश सिद्दीकी के परिजनों ने कहा, किताब 'हम देखेंगे' से कोई वास्ता नहीं

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 1, 2022 21:16 IST2022-02-01T21:05:07+5:302022-02-01T21:16:02+5:30

प्रोफेसर अख्तर सिद्दकी का कहना है कि किताब 'हम देखेंगे' से उनका या उनके मृत बेटे दानिश सिद्दीकी का कोई संबंध नहीं है।

Relatives of journalist Danish Siddiqui, who was killed in Afghanistan, said that the book 'Hum Dekhenge' has nothing to do with | अफगानिस्तान में मारे गये पत्रकार दानिश सिद्दीकी के परिजनों ने कहा, किताब 'हम देखेंगे' से कोई वास्ता नहीं

अफगानिस्तान में मारे गये पत्रकार दानिश सिद्दीकी के परिजनों ने कहा, किताब 'हम देखेंगे' से कोई वास्ता नहीं

Highlightsदानिश ने एक पत्रकार के रूप में प्रेस की स्वतंत्रता और अखंडता को हमेशा बनाए रखाशाहीन बाग विरोध प्रदर्शन को भी दानिश ने पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से कवर किया थाअफगानिस्तान में तख्तापटल कवर करने गये दानिश की 16 जुलाई 2021 को तालिबानियों ने हत्या कर दी थी

दिल्ली: रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के परिवार ने दिल्ली के जामिया नगर गफ्फार मंजील स्थित अपने आवास से मंगलवार को एक बयान जारी करके बताया कि विवादित रूप से सीएए प्रदर्शन से संबंधित किताब 'हम देखेंगे' से उनका या उनके मृत बेटे दानिश सिद्दीकी का कोई संबंध नहीं है।

अफगानिस्तान में तालिबानी हिंसा के शिकार हुए फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि विवादित किताब के लेखकों मोहम्मद मेहरबान और आसिफ मुज्तबा मीडिया में जो दावा कर रहे हैं कि उनके इस किताब के प्रोजेक्ट में दानिश सिद्दीकी शामिल थे, वो पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठा है।

इसके अलावा सिद्दीकी के परिवार का यह भी कहा है कि किताब में दानिश का नाम जोड़ने के लिए उनसे किसी ने कोई अनुमति नहीं ली है।

दानिश के पिता प्रोफेसर अख्तर सिद्दकी ने अपने बयान में कहा है कि हम स्पष्ट तौर से बताना चाहते हैं कि दानिश ने एक पत्रकार के रूप में अपने जीवन और करियर के दौरान प्रेस की स्वतंत्रता और अखंडता को बनाए रखा। उसने कभी भी उसे पार करने की कोशिश नहीं की।

अख्तर सिद्दकी ने कहा कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन को भी दानिश ने पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से कवर किया था। किताब में प्रदर्शित झूठे दावे के कारण दानिश की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, जो काफी दुखी करने वाले हैं और इसके लिए सीधे तौर पर किताब के लेखक जिम्मेदार हैं।

दरअसल, मोहम्मद मेहरबान और आसिफ मुज्तबा नाम के दो लेखकों ने 'हम देखेंगे' नाम से एक फोटो बुक प्रकाशित की थी। जिसमें 12 दिसंबर, 2019 से 22 मार्च, 2020 तक के बीच शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान ली गई 223 तस्वीरों को शामिल किया गया है। इस किताब के माध्यम से लेखकों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को दिखाने का प्रयास किया है। 

मालूम हो कि जामिया मिलिया इस्लामिया के एमसीआरसी से साल 2007 में जनसंचार में एमए करने वाले दानिश सिद्दीकी अमेरिकी समाचार एंजेंसी रॉयटर्स से जुड़े थे और मुंबई में एजेंसी के फोटो जर्नलिस्ट थे।

अफगानिस्तान में तख्तापटल के समय उसे कवर करने गये दानिश की 16 जुलाई 2021 को तालिबानी आतंकियों ने हत्या कर दी थी। वहीं दानिश सिद्दकी के पिता अख्तर सिद्दकी देश के जानेमाने शिक्षाविद हैं और जामिया मिलिया इस्लामिया में शिक्षा संकाय के डीन रहे हैं। 

Web Title: Relatives of journalist Danish Siddiqui, who was killed in Afghanistan, said that the book 'Hum Dekhenge' has nothing to do with

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