रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद: योगी आदित्यनाथ ने कहा- पता था कि मध्यस्थता प्रयास विफल होगा, महाभारत से पहले भी कोशिश हुई थी
By भाषा | Published: August 4, 2019 05:05 AM2019-08-04T05:05:19+5:302019-08-04T05:05:19+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें मालूम था कि यह प्रयास विफल होगा। उन्होंने यहां संत-महात्माओं की सभा में कहा, ‘‘ हमें मालूम था कि इस मध्यस्थता से कुछ निकलने नहीं जा रहा है। लेकिन यह अच्छा है। यदि प्रयास होते हैं तो अच्छी बात है।’’
उच्चतम न्यायालय के शुक्रवार को यह कहे जाने के एक दिन बाद कि मध्यस्थता पैनल रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का हल नहीं निकाल सका, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें मालूम था कि यह प्रयास विफल होगा। उन्होंने यहां संत-महात्माओं की सभा में कहा, ‘‘ हमें मालूम था कि इस मध्यस्थता से कुछ निकलने नहीं जा रहा है। लेकिन यह अच्छा है। यदि प्रयास होते हैं तो अच्छी बात है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ महाभारत से भी पहले भी मध्यस्थता (की कोशिश) हुई थी। लेकिन वह कोशिश विफल रही थी।’’
मुख्यमंत्री परमहंस रामचंद्र दास की 16 वीं पुण्यतिथि के मौके पर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। परमहंस रामचंद्र दास अयोध्या में विवादित स्थान पर राममंदिर के निर्माण के प्रबल पैरोकार थे। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि वह रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर फैसला करने के लिए छह अगस्त से रोजाना सुनवाई करेगा क्योंकि मध्यस्थता से हल तक पहुंचने की कोशिश विफल हो गयी।
शीर्ष अदालत ने मार्च में अपने एक पूर्व न्यायाधीश -- न्यायमूर्ति एफ एम आई खलीफुल्ला की अगुवाई में तीन सदस्यीय समिति बनायी थी। रोजना सुनवाई करने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का अभियान जनांदोलन था और उन्होंने इस संबंध में परमहंस रामचंद्र दास की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस कलयुग में अयोध्या का विकास कर रहे हैं जबकि अयोध्या त्रेत्रायुग में था। ’’ मुख्यमंत्री ने शहर में 130 करोड़ रुपये की लागत की परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया और कहा कि उन्होंने अयोध्या के विकास और उसकी पर्यटन संभावनाओं पर संतों एवं अधिकारियों से बातचीत की है।