मदुरै, 30 जनवरी अन्नाद्रमुक के नेताओं एम जी रामचंद्रन और जे जयललिता को समर्पित एक मंदिर का उद्घाटन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने यहां शनिवार को किया।
एमजीआर और जयललिता की आदमकद कांस्य मूर्तियों वाले एक बड़े हॉल को पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम ने खोला। अन्नाद्रमुक नेताओं पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम ने आरती की। भजनों के बीच पुजारियों ने पवित्र जल डाला।
यह मंदिर राजस्व मंत्री आर बी उदयकुमार की पहल है जो अन्नाद्रमुक की इकाई 'अम्मा पेरवई' के सचिव भी हैं। यह मंदिर मदुरई जिले के टी कुन्नतुर में 12 एकड़ क्षेत्र पर स्थित है।
जयललिता और एमजीआर की प्रतिमाओं वाले मंदिर को जनता के लिए खोला गया।
बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में मौजूद थे। पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम ने अपने संबोधनों में दोनों दिवंगत नेताओं की प्रशंसा की और उनके कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए कल्याणकारी उपायों को याद किया।
पलानीस्वामी ने 'अम्मा' की सरकार को जारी रखने के लिए कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की।
उन्होंने चेन्नई के मरीना समुद्र तट पर एक स्मारक (जयललिता की समाधि स्थल पर) खोले जाने और राज्य की राजधानी स्थित उनके निवास को स्मारक घोषित करने का जिक्र किया।
उप मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने उल्लेख किया कि द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने हाल ही में अपने हाथों में भगवान मुरुगा के भाले की तरह का हथियार लिया था और कहा कि इस तरह के कदमों से उन्हें तमिलनाडु में सत्ता में आने में मदद नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ‘‘कुछ’’ (लोग) जनता को भ्रमित करने के प्रयास करेंगे कि वे ईश्वर का आदर करते हैं लेकिन जनता और सर्वशक्तिमान दोनों का आशीर्वाद अन्नाद्रमुक को प्राप्त है।
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