रामविलास पासवान की पुण्यतिथिः पशुपति कुमार पारस ने किया प्रण?, चिराग पासवान को सभी सीट पर मात दूंगा, परिवार में दरार और बढ़ी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 8, 2025 21:33 IST2025-10-08T21:32:34+5:302025-10-08T21:33:38+5:30
Ram Vilas Paswan's death anniversary: संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने घोषणा की कि हम चिराग द्वारा उतारे गए सभी उम्मीदवारों की करारी हार सुनिश्चित करेंगे।

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पटनाः केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी उन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी जहां उनके भतीजे की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) चुनाव लड़ेगी। आरएलजेपी प्रमुख ने यह घोषणा पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक में की। पारस ने पिछले वर्ष केंद्रीय मंत्रिपरिषद से तब इस्तीफा दिया था जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग को साथ लेने का निर्णय किया था। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह ने घोषणा की कि हम चिराग द्वारा उतारे गए सभी उम्मीदवारों की करारी हार सुनिश्चित करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए आरएलजेपी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, जिन पर लोजपा (रामविलास) चुनाव लड़ेगी।’’ यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान (42) भाजपा के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भीतर ‘‘सम्मानजनक समझौते’’ के लिए बातचीत कर रहे हैं।
राजग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी शामिल हैं। पारस और चिराग, दोनों कभी रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी का हिस्सा थे। आरएलजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘हमें यह घोषणा इसलिए करनी पड़ी।
क्योंकि हमें विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में औपचारिक रूप से शामिल करने और सीट बंटवारे की घोषणा में लगातार देरी हो रही है। हमारे पास अब बहुत कम समय बचा है, नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया परसों से शुरू हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजद नेता तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी, जिनमें कांग्रेस भी शामिल है, कह रहे हैं कि पारस जी को गठबंधन में लाया जाएगा।
लेकिन समन्वय समिति के प्रमुख होने के बावजूद यादव ने अब तक हमारे नेता को बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया है जिससे कार्यकर्ताओं में असंतोष है। झारखंड की पार्टी झामुमो को भी बुलाया गया है, जबकि बिहार में उसका कोई आधार नहीं है। हमें अब भी उम्मीद है कि यादव समय रहते पहल करेंगे और आरएलजेपी को लेकर स्थिति स्पष्ट करेंगे।’’