'संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर पर विधेयक किया जाएगा पेश'
By भाषा | Published: November 23, 2018 08:42 PM2018-11-23T20:42:58+5:302018-11-23T20:42:58+5:30
बलिया जिले के सिकंदरपुर में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में सलेमपुर से सांसद कुशवाहा ने कहा कि राम मंदिर को लेकर हो रहा आंदोलन इस बार निर्णायक मुकाम तक पहुंचेगा।
भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर से संबंधित विधेयक निश्चित रूप से पेश होगा और यदि विधेयक राज्यसभा में बहुमत न होने के कारण पारित नहीं हो पाया तो अध्यादेश के जरिए मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होगा।
बलिया जिले के सिकंदरपुर में शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में सलेमपुर से सांसद कुशवाहा ने कहा कि राम मंदिर को लेकर हो रहा आंदोलन इस बार निर्णायक मुकाम तक पहुंचेगा।
उन्होंने राम मंदिर को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि 11 दिसंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में निश्चित रूप से राम मंदिर से जुड़ा विधेयक पेश होगा। संसद में विधेयक पेश होने पर बहस से जनता देख लेगी कि कौन सी राजनीतिक पार्टी मंदिर के पक्ष और कौन इसके विरोध में है।
कुशवाहा ने यह भी कहा कि लोकसभा में भाजपा के पास बहुमत होने के कारण यह पारित हो जाएगा, लेकिन राज्यसभा में पास होगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में यह विधेयक पारित नहीं हो पाया तो सरकार अध्यादेश के जरिए मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगी ।
इधर, शिवसेना ने शुक्रवार को बीजेपी से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने और तारीख की घोषणा करने के लिए कहा। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में लिखा, 'सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने रामजन्मभूमि में बाबर राज को खत्म कर दिया। शिवसेना ने कहा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है।'
संपादकीय में लिखा है, 'हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं।' शिवसेना ने दावा किया कि उसने 'चलो अयोध्या' का नारा नहीं दिया है। अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है। शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं।'