अयोध्या के संतों से सरकार की सुलह, राम मंदिर ट्रस्ट में शामिल किए जाएंगे नृत्यगोपाल दास, चम्पत राय
By हरीश गुप्ता | Published: February 11, 2020 08:37 AM2020-02-11T08:37:02+5:302020-02-11T08:37:02+5:30
मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने पिछले सप्ताह ही दास से मिलकर उन्हें ट्रस्ट में शामिल करने का भरोसा दिलाया था. किया वजह का खुलासा बताया जा रहा है कि सीबीआई अदालत में आपराधिक मामला लंबित होने के कारण सरकार ने उनकी ट्रस्ट में सीधी नियुक्ति को टाला. एक वरिष्ठ नेता और अयोध्या के विधायक को संत को समझाने का जिम्मा दिया गया है.
मोदी सरकार ने अयोध्या के संतों की नाराजगी के चलते सुलह का रास्ता अपनाते हुए राम जन्मभूमि ट्रस्ट (राम जन्मभूमि तीर्थ संस्थान) में नृत्यगोपाल दास और चम्पत राय को शामिल करने का फैसला किया है. पिछले सप्ताह घोषित 15 सदस्यीय ट्रस्ट से इन दोनों को बाहर रखे जाने से विवाद खड़ा हो गया था.
यहां 19 फरवरी को होने जा रही ट्रस्ट की बैठक में दोनों को ट्रस्ट में शामिल किए जाने की औपचारिक घोषणा की जाएगी. दरअसल 1949 से राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्षरत संत, सुप्रीम कोर्ट में जीत के बाद सरकार की अनदेखी से नाराज थे. नृत्यगोपाल दास पिछले 50 साल से इस आंदोलन में शामिल रहे हैं.
मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने पिछले सप्ताह ही दास से मिलकर उन्हें ट्रस्ट में शामिल करने का भरोसा दिलाया था. किया वजह का खुलासा बताया जा रहा है कि सीबीआई अदालत में आपराधिक मामला लंबित होने के कारण सरकार ने उनकी ट्रस्ट में सीधी नियुक्ति को टाला. एक वरिष्ठ नेता और अयोध्या के विधायक को संत को समझाने का जिम्मा दिया गया है.
सरकार उन्हें ट्रस्ट या बोर्ड का अध्यक्ष बनाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है. प्रस्ताव है कि ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण बोर्ड बनाया जाएगा. मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी नृत्यगोपाल दास के नेतृत्व में बोर्ड को सौंपी जा सकती है. पहले ही अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास पहले से ही राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष हैं, जिसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी सौंप रखी है.
निर्माण के लिए 60 प्रतिशत काम कर लिया गया है और निर्माण की प्रक्रिया अप्रैल में शुरु होगी. चम्पत राय को भी मिलेगा मौका ट्रस्ट में शामिल किए जाने वाले संभावितों में दूसरा नाम चम्पत राय का है, जो विहिप के उपाध्यक्ष हैं. उन्हें देश में राम मंदिर निर्माण अभियान का माहौल बनाने के लिए संतों और आरएसएस-विहिप को एक साथ लाने का श्रेय दिया जाता है.