राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता बढ़ाने पर जोर दिया

By भाषा | Updated: November 10, 2021 19:18 IST2021-11-10T19:18:42+5:302021-11-10T19:18:42+5:30

Rajnath Singh stresses on enhancing jointness among armed forces | राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता बढ़ाने पर जोर दिया

राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता बढ़ाने पर जोर दिया

नयी दिल्ली, 10 नवंबर भारत में थलसेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं के समावेश (थियेटराइजेशन) की महत्वाकांक्षी योजना शुरू होने के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि सशस्त्र बलों के बीच संयुक्तता बढ़ाना जरूरी है और नयी संरचना के लिए सभी पक्षों से मिलने वाली जानकारी पर विचार किया जाएगा।

वायु सेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत की सीमाओं पर ‘अस्थिरतापूर्ण’ हालात का जिक्र करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों को किसी भी विपरीत स्थिति में संक्षिप्त नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने उच्च स्तर की तैयारियां रखने के लिए, संक्षिप्त नोटिस पर कार्रवाई की क्षमता और अभियान तथा शांतिरक्षण कार्यों में उच्च मानकों वाली पेशेवर क्षमता दिखाने के लिए भारतीय वायु सेना की प्रशंसा की।

वायु सेना के कमांडर 10-12 नवंबर को आयोजित सम्मेलन में चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर भारत की सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा करेंगे।

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने वायु सेना के अभियान संबंधी अनेक पहलुओं पर सिंह को अवगत कराया।

सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भविष्य के संघर्षों के लिए वायु सेना की भूमिका महत्वपूर्ण है और उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन प्रशिक्षण आदि के साथ क्षमताओं को बढ़ाना होगा।

वायु सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘थियेटराइजेशन की व्याख्या करते हुए उन्होंने उल्लेख किया कि संयुक्तता बढ़ाना जरूरी है और अनेक विकल्पों का गंभीरता से अध्ययन करने तथा सभी पक्षों से मिलने वाली जानकारी पर विचार करने के बाद संरचना का विकास करना चाहिए।’’

सशस्त्र बल अगले साल के मध्य तक थियेटर कमान बनाने का खाका तैयार कर सकते हैं जिससे सैन्य संसाधनों का अभीष्ट उपयोग हो सकेगा और भारत की युद्धक क्षमताओं में इजाफा होगा।

योजना के अनुसार प्रत्येक थियेटर कमान में सेना, नौसेना और वायु सेना की इकाइयां होंगी और सभी किसी भौगोलिक क्षेत्र विशेष में सुरक्षा चुनौतियों को देखकर एक अभियान कमांडर के अधीन एक इकाई के रूप में काम करेंगी।

सैन्य मामलों के विभाग ने हाल में तीनों सेनाओं से प्रस्तावित थियेटर कमानों पर अप्रैल तक अध्ययन पूरा करने को कहा था ताकि नयी संरचनाओं के लिए योजना पर काम तेज किया जा सके।

रक्षा मंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के माध्यम से सैन्य उपकरणों के स्वदेशीकरण के क्षेत्र में प्रयासों को रेखांकित किया और कहा कि इसके परिणाम दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए और सी-295 परिवहन विमानों के ऑर्डर स्वदेशी एयरोस्पेस क्षेत्र में नये अवसरों के द्वार खोलेंगे।

भारत ने सितंबर में एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 56 सी-295 परिवहन विमानों की खरीदी के लिए करीब 20,000 करोड़ रुपये का करार किया था। ये विमान भारतीय वायु सेना के एवरो-748 विमानों की जगह लेंगे।

रक्षा मंत्री ने कमांडरों का आह्वान किया कि सम्मेलन की थीम ‘अनिश्चितताओं के बीच निश्चितता सुनिश्चित करना’ के प्रति व्यवहार्य समाधानों के लिए मंथन करें।

वायु सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में भारत के शत्रुओं के किसी दुस्साहस पर तुरत-फुरत और मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बहुआयामी क्षमता विकसित करने पर जोर दिया।

उन्होंने भविष्य में लड़ाकू क्षमता के सामूहिक उपयोग के लिए थलसेना और नौसेना के साथ संयुक्त प्रशिक्षण की जरूरत पर जोर दिया।

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने महामारी की चुनौतियों के बावजूद उच्च स्तर की तैयारी बनाकर रखने के लिए सभी कमांडरों की प्रशंसा की।

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Web Title: Rajnath Singh stresses on enhancing jointness among armed forces

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