राजीव गांधी हत्याकांड: एससी ने CBI के नेतृत्व वाली एमडीएम एजेंसी को प्रगति रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा

By भाषा | Published: November 5, 2019 07:16 PM2019-11-05T19:16:16+5:302019-11-05T19:16:16+5:30

राजीव गांधी हत्याकांड में साजिश के पहलू की जांच के लिये गठित न्यायमूर्ति एम सी जैन आयोग की सिफारिश पर 1998 में एमडीएमए का गठन किया गया था।

Rajiv Gandhi assassination: Supreme Court seeks latest status report from MDMA | राजीव गांधी हत्याकांड: एससी ने CBI के नेतृत्व वाली एमडीएम एजेंसी को प्रगति रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा

File Photo

उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की व्यापक साजिश का पर्दाफाश करने के लिये सीबीआई के नेतृत्व में गठित बहु निगरानी एजेन्सी (एमडीएमए) को मंगलवार को अपनी जांच की ताजा प्रगति रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर पेश करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने एमडीएमए की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पिंकी आनंद से कहा कि प्रगति रिपोर्ट में श्रीलंका, थाईलैंड और दूसरे देशों को भेजे गये अनुरोध पत्रों की स्थिति को भी शामिल किया जाये।

पीठ ने कहा कि चार सप्ताह के भीतर प्रगति रिपोर्ट पेश की जाये। इसके साथ ही पीठ ने इस मामले को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध कर दिया। शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि एमडीएमए की रिपोर्ट करीब एक साल पुरानी है और उस समय इस मामले के संबंध में कई देशों को भेजे गये अनुरोध पत्रों के जवाब की प्रतीक्षा थी।

राजीव गांधी हत्याकांड में साजिश के पहलू की जांच के लिये गठित न्यायमूर्ति एम सी जैन आयोग की सिफारिश पर 1998 में एमडीएमए का गठन किया गया था। केन्द्रीय जांच ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता वाली इस जांच एजेन्सी में गुप्तचर ब्यूरो, रॉ और राजस्व गुप्तचर विभाग तथा कई अन्य एजेन्सियों के अधिकारी शामिल हैं।

शीर्ष अदालत इस हत्याकांड में दोषी 46 वर्षीय ए जी पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें एमडीएमए की जांच पूरी होने तक उसकी उम्र कैद की सजा निलंबित करने का अनुरोध किया गया है।

पेरारिवलन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि उसकी भूमिका सिर्फ नौ वोल्ट की बैट्रियां प्राप्त करने तक ही सीमित थी जिनका राजीव गांधी की हत्या में प्रयुक्त देसी विस्फोटक बनाने में कथित रूप से इस्तेमाल किया गया था। पिंकी आनंद ने शंकरनारायणन की दलील का विरोध किया और कहा कि उसकी भूमिका सिर्फ बैट्रियां प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं थी। 

Web Title: Rajiv Gandhi assassination: Supreme Court seeks latest status report from MDMA

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे