Rajasthan Political Crisis: सोनिया गांधी से मिले सचिन पायलट, कहा-मेरा फोकस राजस्थान 2023 चुनाव पर, जानें और क्या बोले
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 29, 2022 09:37 PM2022-09-29T21:37:31+5:302022-09-29T21:45:27+5:30
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कहा कि सोनिया गांधी से हमने बात की है। हम सब चाहते हैं कि 2023 का विधानसभा चुनाव हम मिलकर लड़े।
नई दिल्लीः राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। आज ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सोनिया गांधी से मिले। पायलट ने कहा कि राजस्थान के सन्दर्भ में जो भी फैसला करना होगा, वो वो ही लेंगी। मुझे विश्वास है कि अगले 12-13 महीनों में हम अपनी मेहनत से एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाएंगे।
राजस्थान कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कहा कि सोनिया गांधी से हमने बात की है। उन्होंने हमारी सारी बातों को सुना। हम सब चाहते हैं कि 2023 का विधानसभा चुनाव हम मिलकर लड़े। हमें यकीन है कि हम दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। मेरी पहली प्राथमिकता राजस्थान है।
Whatever decision has to be made in the context of Rajasthan, will be taken by her...I am confident that in the next 12-13 months we will once again make a Congress Govt through our hard work: Sachin Pilot after meeting Congress interim president Sonia Gandhi, in Delhi pic.twitter.com/Vc7EW5XJrj
— ANI (@ANI) September 29, 2022
सचिन पायलट ने कहा कि राजस्थान के घटनाक्रम पर विस्तार से चर्चा हुई। सोनिया गांधी को अपनी भावनाओं से अवगत कराया। 2023 का विधानसभा चुनाव जीतना प्राथमिकता है, जिसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सोनिया गांधी अगले एक-दो दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगी।
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आज दिन में सोनिया गांधी से मुलाक़ात की थी। उन्होंने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने की घटना के लिए सोनिया से माफी मांगी। गहलोत ने यह भी कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे सोनिया गांधी के आवास ‘10 जनपथ’ पर उनसे मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं...जो घटना दो दिन पहले हुई उसने हम सबको हिलाकर रख दिया।
मुझे जो दुख है वो मैं ही जान सकता हूं। पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘ हमारी परंपरा है कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाता है। दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं पाया। मैं मुख्यमंत्री हूं और विधायक दल का नेता हूं, यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा।
मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने तय किया है कि इस माहौल के अंदर अब चुनाव नहीं लड़ूंगा। यह मेरा फैसला है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर राजस्थान में उत्पन्न राजनीतिक संकट की छाया पड़ी है। गत रविवार की शाम जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक इसमें शामिल नहीं हुए थे।