लाइव न्यूज़ :

Rajasthan Political Crisis: नए मुख्यमंत्री के नाम पर विधायकों में नाराजगी क्यों, सीएम गहलोत बोले-मैं चला जाता तो उनका क्या होता, पायलट पर निशाना

By भाषा | Updated: October 2, 2022 16:26 IST

Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस आलाकमान ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रदेश मामलों के प्रभारी अजय माकन और राज्यसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक के रूप में विधायक दल की बैठक आयोजित करने के लिए राजस्थान भेजा था।

Open in App
ठळक मुद्देअशोक गहलोत को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था।सीएम गहलोत के वफादार कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।विधायकों ने कैसे भाप लिया कि कौन नया मुत्रयमंत्री बनने जा रहा है।

जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि राज्य में नए मुख्यमंत्री के नाम पर विधायकों में नाराजगी क्यों है। उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति किए जाने पर 80 से 90 फीसदी विधायक पाला बदल देते हैं, वे नए नेता के साथ हो लेते हैं, मैं इसे गलत भी नहीं मानता, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ।

गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना कहा, ‘‘जब नए मुख्यमंत्री के आने की संभावना थी तो क्या कारण था कि उनके नाम से ही विधायक बुरी तरह से भड़क गए, जो आज तक कभी नहीं हुआ... उन्हें इतना भय किस बात का था... क्या उनके मन में कुछ चल रहा था और सबसे बड़ी बात तो यह है कि कैसे उन्हें कैसे इस बारे में मालूम पड़ा।’’

दरअसल, गहलोत को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। इससे राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन और पायलट को नया मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाओं के बीच गहलोत के वफादार कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

हालांकि, गहलोत ने बाद में घोषणा की कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने रविवार को सचिवालय में महात्मा गांधी को श्रृद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मैं जैसलमेर में था... मैं अंदाजा नहीं लगा पाया, लेकिन विधायकों ने कैसे भाप लिया कि कौन नया मुत्रयमंत्री बनने जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेताओं को भी सोचना चाहिए कि यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई है... क्यों विधायकों में आक्रोश पैदा हुआ है।’’ गहलोत ने यह भी कहा, “पर्यवेक्षक एक बहुत बड़ा पद है। पर्यवेक्षक को चाहिए कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के प्रतिनिधि के तौर पर आए हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष का जो व्यक्तित्व है, जो दृष्टिकोण है, जो व्यवहार है, जो उनका कद है, वह (पर्यवेक्षक) उसी के हिसाब से काम करें।”

गहलोत ने कहा, “हमारे लिए राजस्थान में चुनाव जीतना बेहद आवश्यक है। राजस्थान में जीतेंगे तो आगे के चुनाव में विजय हासिल करने की कांग्रेस की संभावना बढ़ेगी... पार्टी मजबूत होगी। देशवासी चाहते हैं कि कांगेस एक बार फिर एक मजबूत पार्टी के रूप में उभरकर सामने आए।”

राजस्थान में अब भी मुख्यमंत्री को बदले जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, “मैं अपना काम कर रहा हूं और इस संबंध में कोई भी फैसला पार्टी आलाकमान को लेना है।” उन्होंने कहा, “मैंने अगस्त में ही मैडम (सोनिया गांधी) और अजय माकन से कह दिया था कि मैं मुख्यमंत्री रहूं, यह जरूरी नहीं है। मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ सकता हूं।

मैंने कहा था कि मैं पार्टी का समर्थन करना और उसके पक्ष में प्रचार करना जारी रखूंगा, क्योंकि कांग्रेस पार्टी को दोबारा खड़ा करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।” रविवार को राजस्थान के अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर जयपुर में सात और आठ अक्टूबर को होने जा रहे इन्वेस्ट राजस्थान कार्यक्रम का विज्ञापन नजर आया, जिस पर गहलोत का संदेश प्रकाशित था।

उनकी सक्रियता से संकेत मिलता है कि वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर आश्वस्त हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले गहलोत के वफादार विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की थी।

इन विधायकों ने यह बैठक गहलोत के इस्तीफे की सूरत में पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के संभावित कदम के प्रति विरोध जताने के लिए की थी। इसके बाद उन्होंने सीएलपी की बैठक में शामिल होने के बजाय विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

गहलोत के वफादार विधायकों की मांग थी कि जिन 102 विधानसभा सदस्यों ने जुलाई 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों के अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के कारण राज्य में उपजे राजनीतिक संकट के दौरान अशोक गहलोत नीत सरकार का समर्थन किया था, उनमें से किसी एक को नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना जाए।

कांग्रेस आलाकमान ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रदेश मामलों के प्रभारी अजय माकन और राज्यसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक के रूप में विधायक दल की बैठक आयोजित करने के लिए राजस्थान भेजा था।

टॅग्स :अशोक गहलोतराजस्थानकांग्रेससचिन पायलटसोनिया गाँधीराहुल गांधी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

भारतMCD by-elections Result: BJP ने चांदनी चौक और शालीमार बाग बी में मारी बाजी, कांग्रेस ने जीता संगम विहार ए वार्ड

भारत अधिक खबरें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर