राजस्थानः अनाज मंडियों में चार दिन हड़ताल, 4 लाख दिहाड़ी मजदूरों पर रोजी-रोटी संकट, 1800 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की संभावना

By धीरेंद्र जैन | Published: August 25, 2020 09:39 PM2020-08-25T21:39:48+5:302020-08-25T21:39:48+5:30

प्रदेश की 247 मंडियां बंद रहने से सबसे अधिक इन मंडियों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर प्रभावित होंगे, जिनकी संख्या लगभग 4 लाख है। इनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। वहीं मंडियां बंद रहने से चार दिनों में लगभग 1800 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है।

Rajasthan jaipur CM Ashok Gehlot Four days strike grain markets livelihood crisis on 4 lakh daily laborers 1800 crore business affected | राजस्थानः अनाज मंडियों में चार दिन हड़ताल, 4 लाख दिहाड़ी मजदूरों पर रोजी-रोटी संकट, 1800 करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की संभावना

राजस्थान की 247 अनाज मंडियां चार दिनों के लिए बंद हैं, अनाज मंडियां 28 अगस्त तक बंद रहेंगी। (file photo)

Highlightsश्रमिक, परिवहन से जुड़े लोग, किसान और व्यापारियों के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप मंडियों से जुडें सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। 4 दिन की हड़ताल के बाद कारोबारी 28 अगस्त को आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।मंडी के बाहर मंडी सेस तथा अन्य सेस समाप्त किया है, उसी प्रकार मंडियों में भी मंडी सेस व अन्य सेस समाप्त करें।

जयपुरः कृषि उत्पादन, व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश-2020 के विरोध में आज से राजस्थान की 247 अनाज मंडियां चार दिनों के लिए बंद हैं, अनाज मंडियां 28 अगस्त तक बंद रहेंगी।

प्रदेश की 247 मंडियां बंद रहने से सबसे अधिक इन मंडियों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर प्रभावित होंगे, जिनकी संख्या लगभग 4 लाख है। इनकी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है। वहीं मंडियां बंद रहने से चार दिनों में लगभग 1800 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है।

प्रदेश में आज से शुरू हुई चार दिन की हड़ताल के चलते श्रमिक, परिवहन से जुड़े लोग, किसान और व्यापारियों के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप मंडियों से जुडें सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। वहीं 4 दिन की हड़ताल के बाद कारोबारी 28 अगस्त को आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि व्यापार संघों का केन्द्र सरकार से अनुरोध है कि वे जिस प्रकार केन्द्र सरकार के कृषि उत्पादन, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020 में मंडी के बाहर मंडी सेस तथा अन्य सेस समाप्त किया है, उसी प्रकार मंडियों में भी मंडी सेस व अन्य सेस समाप्त करें।

मंडियों के रखरखाव के लिए उचित धनराशि ली जा सकती है। यदि केन्द्र सरकार यह नहीं कर सकती है तो मंडी के बारह कार्य करने वाले व्यापारी, मिलर आदि भी राज्यों में लागू मंडी टैक्स देय लागू किया जाए। 

Web Title: Rajasthan jaipur CM Ashok Gehlot Four days strike grain markets livelihood crisis on 4 lakh daily laborers 1800 crore business affected

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे