राजस्थान सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत के भाई के ठिकानों पर ईडी के छापे, उर्वरक घोटाले से जुड़ा है मामला
By विनीत कुमार | Published: July 22, 2020 12:07 PM2020-07-22T12:07:11+5:302020-07-22T12:22:54+5:30
सचिन पायलट गुट को लेकर राजस्थान कांग्रेस में जारी विवाद के बीच अशोक गहलोत के भाई की कंपनी पर ईडी ने छापा मारा है। देश के कुछ और हिस्सों में भी छापे मारे जाने की सूचना है।
राजस्थान में कांग्रेस के अंदरखाने मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई से जुड़े परिसरों सहित देश में कई अन्य स्थानों पर प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने छापे मारे हैं। ये छापे फर्टिलाइजर स्कैम के मामले में मारे गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने राजस्थान सहित पश्चिम बंगाल, गुजरात और दिल्ली में कई जगहों पर छापे मारे हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत की जोधपुर में कंपनी अनुपम कृषि पर ईडी का छापा पड़ा है। कस्टम विभाग ने पूर्व में इस कंपनी पर 7 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।
दिलचस्प है ये है कि ये छापे उस समय पड़े हैं जब अशोक गहलोत लगातार सचिन पायलट पर उनकी सरकार गिराने की कोशिश के आरोप लगा रहे हैं। सचिन पायलट के भविष्य को लेकर अब भी अटकलें जारी हैं। वहीं, गहलोत समेत कांग्रेस के कई नेता सचिन पायलट पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगा रहे हैं।
Rajasthan: Enforcement Directorate is conducting raid at a company named Anupam Krishi in Jodhpur, it is owned by Agrasen Gehlot, brother of Rajasthan CM Ashok Gehlot.
— ANI (@ANI) July 22, 2020
Customs Department has prosecuted and levied a penalty of Rs 7 crores on the company. pic.twitter.com/Kn03tiBj53
अशोक गहलोत के भाई से जुड़ा क्या है मामला
एनडीटीवी ने ईडी के सूत्रों के हवाले से बताया है कि अग्रसेन गहलोत की जिस कंपनी पर छापे मारे गए हैं उस पर छूट प्राप्त फर्टिलाइजर क्लोराइड पोटाश (muriate of potash) यानी MoP को बेचने के आरोप हैं, जिसे बाद में निर्यात किया गया। जबकि इस उर्वरक का निर्यात प्रतिबंधित है।
MoP को देश में इंडियन पोटाश लिमिटेड (Indian Potash Limited) आधिकारिक तौर पर आयातित करती है और इसे सब्सिडाइज रेट पर किसानों को बेचा जाता है।
ऐसे आरोप है कि अग्रसेन गहलोत ने 2007-09 के बीच में जब वो इंडियन पोटाश लिमिटेड के ऑथराइज्ड डीलर थे, तब MoP को सब्सिडाइज्ड रेट पर खरीदा और किसानों को बांटने की बजाय कुछ कंपनियों को बेच दिया। इन कंपनियों ने बाद में इसे मलेशिया और सिंगापुर निर्यात कर दिया।
डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने 2012-13 में इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। अशोक गहलोत ने तब ये कहा था कि कुछ बिचौलियों ने किसानों को बांटने के लिए उनसे MoP खरीदा था लेकिन इसे निर्यात के लिए बेच दिया।