राजस्थान चुनाव: बागी प्रत्याशियों से बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों के साथ रोचक होता चुनाव
By अनुभा जैन | Updated: November 25, 2018 08:02 IST2018-11-25T08:02:37+5:302018-11-25T08:02:37+5:30
प्रदेश की कुल 128 सीटों पर भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। हीं 60 सीटों पर त्रिकोणीय टक्कर रहेगी। भाजपा व कांग्रेस के कई बागी नेताओं ने निर्दलीय नामांकन भर दोनों ही पार्टियों के समीकरण बिगाड़ रखे हैं।

राजस्थान चुनाव: बागी प्रत्याशियों से बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों के साथ रोचक होता चुनाव
विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में बागियों के बैकफुट पर आ जाने व नामांकन वापसी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि इस बार प्रदेश में चुनाव कुछ रोचक रहने वाले हैं। वैसे तो दो ही पार्टियां यानि कांग्रेस व भाजपा ही प्रमुख हैं पर तीसरे मोर्चे के रूप में खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनिवाल ने किसानों व युवाओं के मुददों के लेकर नयी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बना ली जिसे घनश्याम तिवाडी की भारत वाहिनी पार्टी भी शामिल हो गयी है।
प्रदेश की कुल 128 सीटों पर भाजपा व कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। वहीं 60 सीटों पर त्रिकोणीय टक्कर रहेगी। भाजपा व कांग्रेस के कई बागी नेताओं ने निर्दलीय नामांकन भर दोनों ही पार्टियों के समीकरण बिगाड रखे हैं।
जयपुर जिले की 19 में से 11 सीटों पर भाजपा व कांग्रेस में सीधी टक्कर है। वहीं आमेर, सांगानेर, विद्याधरनगर, बस्सी, कोटपूतली, शाहपुरा, दूदू में बागियों के मैदान में डटे रहने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
इस बार दोनों प्रमुख दलों ने 200 विधानसभा सीटों पर 31 सीटों पर समान जाति के उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार कर जातिगत समीकरणों का विशेष ध्यान रखा है। दोनों कांग्रेस व भाजपा पार्टी ने जाट समुदाय के 33 उम्मीदवारों को पार्टी टिकट दिये हैं। भाजपा ने 26 राजपूत और कांग्रेस ने 15 राजपूत उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है। इसी तरह दोनों दलों द्वारा ब्राहम्ण, वैश्य, ओबीसी, अनुसूचित जाति जनजाति को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है।
मुस्लिम उम्मीदवारों की बात करें तो जहां कांग्रेस ने उदार रूख अपनाते हुये मुस्लिम प्रत्याशियों को 15 वहीं भाजपा ने कडा रूख इख्तियार कर सिर्फ एक मुस्लिम प्रत्याशी युनुस खंा को टिकट दिया है।
चार मंत्रियों समेत 11 बागियोें को भाजपा से निष्कासित करने के बाद अब कांग्रेस भी बागियों पर कडा रूप इख्तियार करते हुये पार्टी से निष्कासित करने वाला है।
फुलेरा व बस्सी में कांग्रेस व भाजपा की बगावत से चतुष्कोणीय टक्कर हो गई है। फुलेरा में वर्तमान विधायक व भाजपा प्रत्याशी निर्मल कुमावत, कांग्रेस के विद्याधर सिंह, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की स्पर्धा चैधरी और भाजपा (जिलाध्यक्ष) के बागी व निर्दलीय दीनदयाल कुमावत में मुकाबला है। कुमावत व जाट समाज से जुड़े बागी होने से दोनों ही पार्टियों के वोटों का बंटवारा होगा। वहीं बस्सी में वर्तमान विधायक व निर्दलीय अंजू देवी धानका, भाजपा के कन्हैयालाल मीना, कांग्रेस के दौलतसिंह मीना और कांग्रेस के बागी निर्दलीय लक्ष्मण मीना। कन्हैयालाल मीना पहले मंत्री रह चुके हैं तथा पिछला चुनाव हार चुके हैं। लक्ष्मण मीना ने पिछला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था।
सांगानेर में वर्तमान विधायक व भारत वाहिनी पार्टी के प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी, भाजपा के अशोक लाहोटी व कांग्रेस के पुष्पेंद्र भारद्वाज के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।
आमेर में भाजपा के सतीश पूनिया, कांग्रेस के प्रशांत शर्मा और वर्तमान विधायक व बसपा उम्मीदवार नवीन पिलानिया चुनावी रण में हैं। इसी तरह शाहपुरा सीट पर वर्तमान विधायक व भाजपा के राव राजेंद्र सिंह, कांग्रेस के मनीष यादव और कांग्रेस के बागी व निर्दलीय आलोक बेनीवाल के मध्य संघर्ष देखने को मिलेगा।
कोटपूतली सीट पर वर्तमान विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र सिंह यादव, भाजपा के मुकेश गोयल और पूर्व विधायक व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के रामस्वरूप कसाना लडेंगे।
चैमूं मे वर्तमान विधायक व भाजपा प्रत्याशी रामलाल शर्मा और पूर्व विधायक व कांग्रेस के भगवान सहाय सैनी की आमने सामने की टक्कर है। वहीं बगरू सीट पर विधायक व भाजपा के प्रत्याशी कैलाश वर्मा और कांग्रेस की गंगा देवी लड़ रहे हैं।