Rajasthan Corona Updates: राजस्थान में 36 नए मामले आए सामने, 2000 पहुंची संक्रमितों की संख्या, जानिए कहां-कितने हैं मरीज
By रामदीप मिश्रा | Updated: April 24, 2020 09:46 IST2020-04-24T09:44:19+5:302020-04-24T09:46:04+5:30
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार के बेहतरीन चिकित्सकीय प्रबंधन के चलते कोरोना से होने वाली मृत्यु दर केवल 1.43 प्रतिशत है। राज्य में जो मौतें हुई हैं वे मरीज भी कोविड के अलावा अन्य घातक बीमारियों से ग्रसित थे।

राजस्थान में बढ़े कोरोना मरीज। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जयपुरः देश में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान में शुक्रवार को कोरोना के 36 नए मामले सामने आए हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि किसी मौत की सूचना नहीं है। यह जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में कुल कोरोना के 2000 मामले सामने आ चुके हैं। शुक्रवार को आए 36 मामलों में 13 जयपुर के, 18 कोटा के, 4 झालावाड़ के और 1 भरतपुर का मामला शामिल है। अभी तक प्रदेश में 69 हजार, 764 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 2000 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं और 63 हजार, 485 निगेटिव पाए गए हैं। अभी 4279 सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आई है। राजस्थान में अभी तक 29 लोगों की मौत हुई है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि सरकार के बेहतरीन चिकित्सकीय प्रबंधन के चलते कोरोना से होने वाली मृत्यु दर केवल 1.43 प्रतिशत है। राज्य में जो मौतें हुई हैं वे मरीज भी कोविड के अलावा अन्य घातक बीमारियों से ग्रसित थे। कोरोना से होने वाली मौतों का राष्ट्रीय प्रतिशत 3.18 है। राजस्थान में यह काफी कम है और प्रदेश देश में 15वें स्थान पर है।
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ साथ 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर व जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। राज्यभर में 22 मार्च से लॉकडाउन है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ पर अमल के बाद केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित किया था। बाद में इसकी अवधि को तीन मई तक के लिये बढ़ा दिया गया।