जयपुरः कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान में कोविड-19 से पांच और मरीजों की मौत हो गई है। इस बीच 38 नए मामले सामने आए हैं। राज्य में कुल मामलों की संख्या अब 3099 पहुंच गई है, जिसमें से 1577 सक्रिय मामले है। वहीं, अभी तक 82 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। यह जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ा के मुताबिक, राजस्थान में मंगलवार को 38 नए मामले सामने आए हैं। जिसमें से जयपुर में 14, चित्तौड़गढ़ में नौ, कोटा में आठ, जोधपुर में चार, टोंक में दो और भरतपुर में एक मामला सामने आया है। वहीं, पांचों मौतें जयपुर में हुई हैं।
आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अबतक एक लाख, 29 हजार, 258 सैंपल एकत्रित किए गए हैं, जिसमें से तीन हजार, 99 लोग संक्रमित मिले हैं। राजस्थान में कोराना वायरस से मरने वालों की संख्या 82 हो गई है। राज्य में सक्रीय मामलों की संख्या 1577 है, जबकि 1440 लोग ठीक हो चुके हैं। इनमें से 983 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
इधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गैर कोरोना रोगियों के लिए हमने 428 मोबाइल ओपीडी वैन चलाई थी, जिनमें अब तक करीब 1 लाख 60 हजार रोगियों ने सेवाएं ली हैं। पहले राज्य में कोरोना रोगियों के लिए जांच सुविधा नहीं थी। हमें सैम्पल बाहर भेजने पड़ते थे, लेकिन अब प्रदेश में 10 हजार जांचें प्रतिदिन हो रही हैं और हमारा लक्ष्य इसे 25 हजार प्रतिदिन करना है। हमने अमेरिका से कोबास कम्पनी की 2 मशीनें मंगवाई हैं, जो एक साथ 4 हजार टेस्ट कर सकती हैं। पीसीआर टेस्ट में काम आने वाली आरएनए किट्स भी अब हम स्वयं के स्तर पर खरीद सकेंगे ताकि इनकी कमी नहीं रहे।
प्रदेश में सोमवार से शुरू हुए लॉक डाउन के तीसरे चरण में अलग अलग 3 तरह के जोनों में कुछ आवश्यक गतिविधियों के लिये छूट दी गई है। इस दौरान लॉक डाउन या कफ्र्यू के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध बी एल सोनी ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत अध्यादेश जारी कर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, सोशल डिस्टनसिंग की पालना करने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचने, 5 से अधिक व्यक्तियों के एक जगह इकट्ठे नहीं होने, शादी समारोह या इस प्रकार की गतिविधि बिना अनुमति नहीं करने आदि के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किये है। इन निर्देशों की अवहेलना करने पर जुर्माने के साथ साथ जेल भी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के योद्धाओं डॉक्टर्स, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ, आशा सहयोगिनी , पुलिस एवं अन्य कोरोना वारियर्स पर कर्तव्य निर्वहन के दौरान हमले के मामलों में पुलिस अत्यंत गंभीर है।