राजस्थान में बजट पेश किया जा चुका है और इसके समर्थन-विरोध में नेताओं के बयान लगातार आ रहे हैं.जहां सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि- इस बजट के माध्यम से, हम अपनी चुनौतियों को राजस्थान में प्रत्येक व्यक्ति के लिए उज्जवल भविष्य के अवसरों में बदलने का लक्ष्य रखते हैं. मैं सभी से राज्य की नई विकास गाथा में भाग लेने का आग्रह करता हूं. हम सब मिलकर समृद्ध, स्वस्थ और खुशहाल राजस्थान का निर्माण करेंगे.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कहना है कि- राजस्थान में वित्त की स्थिति इस सरकार की ओर से खराब प्रबंधकीय कौशल और वित्तीय समझ का प्रत्यक्ष परिणाम है. स्वास्थ्य सेवा से लेकर शिक्षा, कानून और व्यवस्था तक बुनियादी ढांचे के मामले में राजस्थान सूची में सबसे नीचे है.
उनका कहना है कि- राज्य की कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में बजट के नाम पर मात्र आंकड़ों का भ्रमजाल पेश किया है. झूठ के कच्चे धागों से बुने इस निराशाजनक बजट के ताने-बाने में ना तो कोई विजन है और ना ही कोई डिसिजन.कांग्रेस का फोकस विकास पर नहीं, बल्कि बीजेपी सरकार की योजनाओं के नाम बदल कर जनता को गुमराह करने पर है. बजट में भामाशाह कार्ड को जन-आधार कार्ड, स्वस्थ राजस्थान को निरोगी राजस्थान, पीएमकेवीवाय को सीएमकेवीवाय कहकर सरकार लोगों को भ्रमित करने का असफल प्रयास कर रही है.
वसुंधरा राजे का कहना है कि- राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने चुनावी घोषणा पत्र को भी पूरी तरह से भूल चुकी है, यही कारण है कि इस बजट में ऐसी कोई नीति नहीं है जिससे युवाओं, किसानों, महिलाओं व व्यापारियों के सपने ठोस रूप से साकार हो सकें तथा निम्न व मध्यम वर्ग का जीवन स्तर बेहतर बन सके.
उनका यह भी कहना है कि- हाल ही में केन्द्र की भाजपा सरकार ने सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी. अब राज्य सरकार भी मेडिकल कॉलेजों को बजट में शामिल कर केंद्र की घोषणा को अपने नाम से प्रचारित करना चाहती है!