राजस्थान: जयपुर से जैसलमेर पहुंचे अशोक गहलोत, विधानसभा सत्र की रणनीति बनाने में जुटे
By धीरेंद्र जैन | Published: August 9, 2020 08:21 PM2020-08-09T20:21:24+5:302020-08-09T20:21:24+5:30
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर से जैसलमेर पहुंच कर विधानसभा सत्र को लेकर सरकार की रणनीति और सियासी हालातों पर अपनी टीम से चर्चा कर रहे हैं।
जयपुर: 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की तिथि जैसे जैसे निकट आ रही हैं, वैसे वैसे राजस्थान में जारी सियासी संग्राम को लेकर प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों में गहमागहमी बढ़ गई है।
एक ओर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर से जैसलमेर पहुंच कर विधानसभा सत्र को लेकर सरकार की रणनीति और सियासी हालातों पर अपनी टीम से चर्चा कर रहे हैं।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने भी गुजरात भेजे अपने सभी विधायकों को फिर से जयपुर वापस बुला लिया है। अब सभी भाजपा विधायक जयपुर के होटल में एक साथ रहेंगे।
11 अगस्त को जयपुर के होटल क्राउन प्लाजा में भाजपा के विधायकों की बैठक होगी, विधायकों को इसी होटल में ठहराया जाएगा
14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के लिए भी रणनीति बनाते हुए कांग्रेस ने एक टीम का गठन किया है जो विधानसभा में फ्लोर मैनेजमेंट का जिम्मा संभालेगी। इस टीम का नेतृत्व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल करेंगे। जबकि बीडी कल्ला उनका सहयोग करेंगे।
वहीं विधानसभा में एक एक विधायक पर नजर रखने का जिम्मा प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा का होगा। जबकि सदन में विपक्ष के हमलों पर जवाबी हमला बोलने की जिम्मेदारी रघु शर्मा, प्रतापसिंह खाचरियावास, गोविंद डोटासरा, अशोक चांदना, सुभाष गर्ग, संयम लोढा सहित अन्य नेता एवं मंत्री संभालेंगे।
इस बीच भाजपा 11 अगस्त से अपने विधायकों की जयपुर में बाड़ाबंदी करेगी। इस दिन शाम 4 बजे टोंक रोड स्थित होटल क्राउन प्लाजा में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इसके बाद सभी विधायक होटल में ही ठहरेंगे। साथ ही जिन विधायकों को गुजरात भेजा गया था, उन्हें भी वापस जयपुर बुला लिया गया है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के आवास पर हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। कटारिया ने कहा कि 14 को निर्णायक दिन है। इसमें फैसला होगा कि सरकार रहेगी या नहीं। इस दिन क्या करना है इसके लिए सभी विधायकों के साथ बैठक करके चर्चा कर लेंगे। विधायकों को गुजरात भेजने को भाजपा की समझदारी कहना चाहिए।
शनिवार से भाजपा ने अपने विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं, कि गहलोत खेमे में संकट होने पर भाजपा विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा सकती है। दूसरा यह कि गहलोत सरकार संकट में है और कहीं न कहीं भाजपा ने भी कोई रणनीति बनाई है और इसी के चलते विधायकों की बाड़ेबंदी शुरू की है। ऐसे में राजनीति हलचल तेज हो गई है। दोनों दलों के नेताओं की धड़कनें बढ़ गई हैं।