2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में बरी हुए ए राजा और कनिमोझी के फैसले को CBI ने दी हाईकोर्ट में चुनौती
By रामदीप मिश्रा | Updated: March 19, 2018 17:29 IST2018-03-19T16:32:36+5:302018-03-19T17:29:44+5:30
सीबीआई कोर्ट ने 2जी फैसले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर दोनों मामलों में बरी कर दिया।

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में बरी हुए ए राजा और कनिमोझी के फैसले को CBI ने दी हाईकोर्ट में चुनौती
नई दिल्ली, 19 मार्चः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में सुनाए गए फैसले के विरुद्ध दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल, कोर्ट ने इस फैसले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर दोनों मामलों में बरी कर दिया।
इससे पहले सीबीआई ने अपने एक बयान में कहा था कि सीबीआई मामले में आवश्यक कानूनी उपाय का सहारा लेगी और 21 दिसंबर 2017 को 2जी मामले में विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट जाने पर विचार कर रही है। फैसले का प्रथमदृष्टया अवलोकन किया गया है और इससे पता चलता है कि अदालत ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के 'उचित परिप्रेक्ष्य' पर सही से ध्यान नहीं दिया।
विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सीबीआई और ईडी इस मामले में 33 लोगों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत जुटाने में असफल रही।
उन्होंने सीबीआई की खिचाई करते हुए कहा था कि एजेंसी अपने 'अच्छी तरह से बनाए गए (वेल कोरियोग्राफ्ड)' आरोपपत्र में किसी भी आरोपियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार का आरोप सिद्ध करने में विफल रही।
जिन आरोपियों को अदालत ने बरी किया था उनमें पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, यूनिटेक कंपनी के एमडी संजय चंद्रा, कुशेगांव फ्रूटस एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा व राजीव अग्रवाल, कलाईगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार और सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी के अलावा रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी गौतम जोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरि नैयर शामिल हैं।