बिहार से रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को UP शिफ्ट करने को लेकर बढ़ा बवाल, CM नीतीश कुमार ने जताया विरोध, रेल मंत्री को लिखा पत्र
By एस पी सिन्हा | Published: May 6, 2020 03:08 PM2020-05-06T15:08:45+5:302020-05-06T15:08:45+5:30
बिहार सरकार जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इस प्रकरण को लेकर आज एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि मुंगेर के जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को शिफ्ट करने का 24 अप्रैल को जारी हुए आदेश का बिहार कड़ा विरोध करता है.
पटना: बिहार में मुंगेर जिले के जमालपुर से इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (आईआरएमइइ) को रेलवे के द्वारा लखनऊ स्थानांतरित किए जाने के मामले ने सियासत को गर्मा दिया है. बिहार से स्थानांतरित करने के फैसले का बिहार सरकार ने कड़ा विरोध किया है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस संबंध में एक मई को रेल मंत्री पीयूष गोयल को एक चिट्ठी लिखकर इस फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है.
इसबीच, बिहार सरकार जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इस प्रकरण को लेकर आज एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि मुंगेर के जमालपुर स्थित इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को शिफ्ट करने का 24 अप्रैल को जारी हुए आदेश का बिहार कड़ा विरोध करता है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेल मंत्री पीयुष गोयल से मामले को लेकर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. एक अन्य ट्वीट में जदयू नेता ने लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 1 मई को रेल मंत्री पीयूष गोयल एक पत्र लिखकर इस फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है. इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मेकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग रेलवे और बिहार की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है. बिहार के साथ इसके महान ऐतिहासिक जुडाव को मजबूत करने की जरूरत है और इसे अलग नहीं किया जाना चाहिए. मुंगेर जिला में स्थित इस संस्थान की शुरुआत 1888 में हुई थी.
संजय झा ने कहा है कि बिहार के मुंगेर जिला में स्थित यह रेल संस्थान राज्य की विरासत का हिस्सा रहा है और नीतीश कुमार पूरी ताकत लगाकर इसे राज्य से बाहर नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मजबूती से अपनी बात रख दी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस मामले पर उनकी बात को सुनते हुए राज्य के हित में फैसला लेगी. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने राज्य के हितों के साथ कभी समझौता नहीं किया है। संजय झा ने कहा कि जमालपुर रेल संस्थान महज एक कारखाना नहीं बल्कि बिहार की पहचान से भी जुड़ी रही है जिसे हम कतई नहीं खो सकते हैं.
उधर, इस मसले पर कांग्रेस ने भी विरोध में आवाज बुलंद की है. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी रिसर्च विभाग एवं मैनिफेस्टो समिति के अध्यक्ष आनन्द माधव एवं प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने एक बयान जारी कर रेल मंत्री पीयूष गोयल जी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से यह आग्रह किया है कि बिहार के साथ हो रहे इस अन्याय को अविलंब रोके और आईआरआईएमईई को जमालपुर में हीं रहनें दें. अगर यह फैसला जल्द वापस नहीं लिया गया तो इसके विरोध में कांग्रेसी सडक पर उतरने को मजबूर हो जायंगे.
यहां बता दें कि भारतीय रेलवे ने बिहार के सबसे पुराने प्रशिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्णय लिया है. रेलवे ने इस संबंध में पत्र संख्या संख्या /249/4/पीडब्लूपी/2014-15/ पीएच-64/पीएलजी दिनांक 27-04-20 अधीन विभाग देकर संस्था को बंद कर लखनऊ हस्तांतरित करने का आदेश दे दिया है.