धनशोधन मामले में एनएसआईसी, यूबीआई के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी

By भाषा | Updated: December 9, 2021 21:58 IST2021-12-09T21:58:40+5:302021-12-09T21:58:40+5:30

Raids against former officials of NSIC, UBI in money laundering case | धनशोधन मामले में एनएसआईसी, यूबीआई के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी

धनशोधन मामले में एनएसआईसी, यूबीआई के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) के पश्चिम बंगाल स्थित कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर फर्जी बैंक गारंटी के जरिये निगम को 173 करोड़ रुपये से अधिक के कथित नुकसान से जुड़े धनशोधन मामले की जांच में छापेमारी की है। यह जानकारी ईडी ने बृहस्पतिवार को दी।

ईडी ने एक बयान में कहा कि छापेमारी सात नवंबर को एनएसआईसी के तत्कालीन क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक (डीजीएम) माणिक लाल दास, एक अन्य डीजीएम गोपीनाथ भट्टाचार्य, एनएसआईसी के पूर्व विपणन प्रबंधक जयंत दास, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) के पूर्व प्रबंधकों माणिक मोहन मिश्रा और प्रदीप कुमार गंगोपाध्याय के आवासीय परिसरों पर की गई।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि छापे के दौरान 1.04 करोड़ रुपये की सावधि जमा रसीदें और कुछ अन्य दस्तावेज जब्त किए गए।

ईडी का मामला पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी ​​द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है और यह आरोप लगाया गया है कि ‘‘एनएसआईसी को 173.50 करोड़ रुपये का नुकसान (पहुंचाया गया जिसने) अपनी कच्ची सामग्री सहायता (आरएमए) योजना के तहत आरोपियों को उधार दिए थे।’’

कथित धोखाधड़ी ‘‘आपराधिक साजिश के जरिये अन्य असंबद्ध संस्थाओं की बैंक गारंटी (बीजी) और (तत्कालीन यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कोलकाता की विभिन्न शाखाओं द्वारा जारी) फर्जी गारंटी जमा करके की गई।’’

यूबीआई का विलय अब पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हो गया है।

ईडी ने कहा कि कथित धोखाधड़ी तब सामने आई, जब इन बैंक गारंटी को एनएसआईसी द्वारा लागू किया गया।

एनएसआईसी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के तहत एक संगठन है और यह इस क्षेत्र में उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।

ईडी ने कहा, ‘‘एनएसआईसी की आरएमए योजना के तहत प्राप्त धन को देवव्रत हलदर (एक बिचौलिया), उत्पल सरकार और राहुल पॉल (फर्जी एमएसएमई और आपूर्तिकर्ता कंपनियों का लाभकारी मालिक) की सक्रिय मिलीभगत से विभिन्न फर्जी आपूर्तिकर्ता कंपनियों के खातों के माध्यम से शोधित किया गया या डायवर्ट किया गया तथा यह सब एनएसआईसी और यूबीआई के तत्कालीन अधिकारियों के साथ मिलकर किया गया।

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Web Title: Raids against former officials of NSIC, UBI in money laundering case

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