नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी (GST) परिषद की 41वीं बैठक के बाद गुरुवार (27 अगस्त) पत्रकारों से कहा था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक 'दैवीय घटना' (Act of God) है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बयान पर अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने निशाना साधा है। राहुल गांधी ने शुक्रवार (28 अगस्त) को ट्वीट करते हुए कहा है कि नोटबंदी, GST और फेल लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ''भारतीय अर्थव्यवस्था इन तीन बड़े कारणों की वजह से तबाह हुई है, नोटबंदी, जीएसटी और फेल लॉकडाउन। इसके अलावा जो भी कहा जा रहा है वो झूठ है।''
सीतारमण के 'एक्ट ऑफ गॉड' वाले बयान पर माकपा ने भी किया पलटवार
माकपा ने भी जीएसटी राजस्व की कमी के मामले पर शुक्रवार को केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सरकार उद्योगपतियों से मिलीभगत, नाकाम नीतियों और कठोर रवैये से अर्थव्यवस्था को बर्बाद करके ''भगवान को कोस रही है।''
सीतारमण येचुरी के बयान पर माकपा महासचिव सीताराम ने कहा, ''यदि आवश्यक हो तो केन्द्र सरकार कर्ज लेकर राज्यों के बकाए का भुगतान करे। राज्य सरकारें कर्ज क्यों लें? क्या इसे सहकारी संघवाद कहते हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद राज्यों को लूटा जा रहा है। दैवीय कारण बताकर?''
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक के बाद पत्रकारों से कहा था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक 'दैवीय घटना' है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आएगा।
सीतारमण येचुरी ने कहा ''उद्योगपतियों से मिलीभगत, अक्षमता और असंवेदनशीलता की वजह से महामारी से काफी पहले ही लोगों की आजीविकाएं और जिंदगियां बर्बाद हो गई थीं। अब भगवान को कोसा जा रहा है।
जानें सीतारमण ने GST परिषद की 41वीं बैठक में क्या-क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी से प्रभावित हुई है, जो कि एक दैवीय घटना है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आयोगा। चालू चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद 41वीं बैठक के बाद मीडिया से कहा कि स्पष्ट रूप से जीएसटी क्रियान्वयन के कारण जो क्षतिपूर्ति बनती है, केंद्र उसका भुतान करेगा। केंद्र के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसमें से 65,000 करोड़ रुपये की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाये गये उपकर से प्राप्त राशि से होगी। इसीलिए कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है।