नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अब राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है। आनंद शर्मा ने कहा है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा अपनी मर्जी से दिया था।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में आनंद शर्मा ने कहा, "हमने 2018 में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दिया। हमने उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा था। यह जरूरी है कि नेहरू-गांधी परिवार कांग्रेस पार्टी का अभिन्न बना रहे। कांग्रेस को समावेशी और सामूहिक सोच व दृष्टिकोण की आवश्यकता है।"
कांग्रेस में अंदरूनी बदलावों पर जोर देते हुए आनंद शर्मा ने कहा, "जहां भी जरूरत होगी मैं कांग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करूंगा। कांग्रेस को गुटबाजी से बाहर निकलकर एकजुट रहने की जरूरत है। अगर हम कुछ आंतरिक परिवर्तन लाते हैं तो कांग्रेस का नवीनीकरण और पुनरुद्धार होगा। ए ग्रुप या बी ग्रुप होने से कांग्रेस पुनर्जीवित नहीं हो सकती, कांग्रेस को सामूहिक रूप से पुनर्जीवित करना होगा। हम सब कांग्रेसी हैं। महत्वपूर्ण यह है कि कांग्रेस पार्टी मजबूत रहे।"
बता दें कि आनंद शर्मा कांग्रेस के उस गुट के नेता माने जाते हैं जिसे जी-23 कहा जाता है। इसी समूह के अन्य नेता गुलाम नबी आजाद भी जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। कांग्रेस का यह गुट लगातार पार्टी में अंदरूनी चुनावों की मांग कर रहा है।
आनंद शर्मा का बयान कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की उस घोषणा के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि पार्टी के अगले अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों को तय करने के लिए कार्य समिति की एक आभासी बैठक 28 अगस्त को निर्धारित की गई है। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कथित तौर पर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सलाह दी है कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनने से इनकार करते हैं तो 2024 तक वह पार्टी की प्रमुख बनी रहें। कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के रूप में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नामों पर भी चर्चा है।