जब कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा- क्या आप अपना गुनाह कबूल करते हैं, दिया ये जवाब

By भाषा | Published: July 12, 2019 09:04 PM2019-07-12T21:04:09+5:302019-07-12T21:04:09+5:30

राहुल गांधी देशभर में कई मानहानि मामलों का सामना कर रहे हैं जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर एक मामला भी शामिल है।

Rahul Gandhi granted bail in Ahmedabad bank defamation case | जब कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा- क्या आप अपना गुनाह कबूल करते हैं, दिया ये जवाब

जब कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा- क्या आप अपना गुनाह कबूल करते हैं, दिया ये जवाब

Highlightsराहुल गांधी शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एन बी मुंशी के सामने पेश हुए और उन्होंने आरोपों को लेकर खुद को निर्दोष बताया। अदालत जाते वक्त गांधी के साथ गुजरात कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे और अदालत के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक एकत्रित हुए।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां की एक अदालत में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में शुक्रवार को खुद को निर्दोष बताया और इसके बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी। जब कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि क्या आप अपना गुनाह कबूल करते हैं तो उन्होंने जवाब में कहा, मैं निर्दोष हूं। इस बैंक के निदेशकों में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं जबकि इसके चेयरमैन अजय पटेल हैं। बैंक ने गांधी के खिलाफ मानहानि मामला इसलिए दायर किया क्योंकि कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बैंक ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के पांच दिन के अंदर 750 करोड़ रुपये के प्रचलन से बाहर हुए नोटों को वैध नोटों से बदला था।

गांधी शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एन बी मुंशी के सामने पेश हुए और उन्होंने आरोपों को लेकर खुद को निर्दोष बताया। अदालत ने 15 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि का एक जमानतदार लाने पर गांधी को जमानत दे दी। इस मामले में सात सितंबर को आगे सुनवाई होगी। गांधी ने पिछले साल ट्वीट करके आरोप लगाए थे जिसके बाद मानहानि मामला दायर किया गया था। एडीसी बैंक और पटेल ने कहा था कि कांग्रेस नेता ने बैंक के खिलाफ ‘‘झूठे और मानहानिपूर्ण आरोप’’ लगाए हैं। अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 के तहत जमानत दी। हालांकि उनके वकील बी एम मंगुकिया ने दलील दी कि गांधी को जमानत आवेदन देने की जरूरत नहीं है क्योंकि सम्मन जारी होने की स्थिति में इसकी जरूरत नहीं होती है। लेकिन शिकायतकर्ता के वकील एस वी राजू ने दलील दी कि उन्हें जमानत आवेदन देना होगा।

अदालत जाते वक्त गांधी के साथ गुजरात कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे और अदालत के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक एकत्रित हुए। सम्मन जारी करने से पहले, अदालत ने यह फैसला करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत जांच की थी कि उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार हैं या नहीं। गांधी का आरोप नाबार्ड द्वारा एक आटीआई आवेदन पर दिये गये कथित जवाब पर आधारित है जबकि इस बैंक ने इस बात से इंकार किया है कि उसने इतनी बड़ी संख्या में प्रचलन से बाहर हुए नोट बदले थे।

गांधी देशभर में कई मानहानि मामलों का सामना कर रहे हैं जिसमें बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा दायर एक मामला भी शामिल है। सुशील मोदी का मामला गांधी की उस व्यंग्यात्मक टिप्पणी पर आधारित है जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी ‘‘चोरों’’ का उपनाम मोदी क्यों होता है। उनके खिलाफ एक अन्य मामला मुंबई की अदालत में दायर हुआ है जो उनके पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या को ‘‘आरएसएस-भाजपा विचारधारा’’ से जोड़ने वाले बयान से संबंधित है। इससे पहले शुक्रवार को, कांग्रेस नेता ने कहा कि वह आरएसएस और भाजपा के खिलाफ उनकी वैचारिक लड़ाई जनता के समक्ष ले जाने का अवसर देने के लिए आरएसएस-भाजपा के अपने विरोधियों को धन्यवाद देना चाहते हैं। 

Web Title: Rahul Gandhi granted bail in Ahmedabad bank defamation case

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