लखनऊः लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी शिकस्त देने के बाद अब समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस का हौसला बढ़ गया है. इस बढ़े हौसले के रायबरेली से सांसद और संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचे. एक महीने के भीतर राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र में दूसरी बार पहुंचे. रायबरेली में जिस तरह से राहुल गांधी ने एम्स पहुंचकर ओपीडी मे मरीजों का लिया हालचाल और कांग्रेस पदाधिकारियों तथा विभिन्न संगठनों से मुलाकात करने के साथ ही सियाचीन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार से मुलाकात की. राहुल गांधी के इस दौरे पर उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने तंज़ किया है. दिनेश प्रताप का कहना है कि राहुल गांधी डरते -डरते रायबरेली आए हैं.
राहुल की सक्रियता से कांग्रेस जन उत्साहित
फिलहाल कांग्रेस के नेताओं ने दिनेश प्रताप सिंह के तंज पर ध्यान नहीं दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष हिंदवी का कहना है कि यूपी में मिली सफलता को पूरे प्रदेश में फैलाने में अब कांग्रेस का कार्यकर्ता जुट गया है. हमारे नेता राहुल गांधी भी रायबरेली से बंपर जीत हासिल करने के बाद पूरी तरह से एक्टिव होकर यूपी सहित देश के अन्य राज्यों में पार्टी के संगठन को बढ़ाने में जुट गए हैं.
जिसके चलते ही मंगलवार को वह अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों से मिलने आए. इससे पहले राहुल गांधी हाथरस भगदड़ के शिकार परिवारों से मिलने आए थे. वह मणिपुर हिंसा के प्रभावितों का हालचाल लेने भी सोमवार को गए थे. राहुल गांधी की सक्रियता का ही नतीजा है कि यूपी में पार्टी के नेता दलित समाज के साथ सहभोज कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं.
अपनी सहयोगी सपा के साथ राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मिलजुल कर लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसके साथ ही राज्य में नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी के खिलाफ सड़क पर आक्रामक तरीके से विरोध भी पार्टी जता रही है. कुल मिलकर राहुल गांधी की सक्रियता से पार्टी जन उत्साहित हैं और अब सभी मिलकर पार्टी संगठन को मजबूत करने की मुहिम में जुट गए हैं.
सपा भी सक्रिय
कांग्रेस की तरफ ही इंडिया गठबंधन का प्रमुख घटक दल सपा भी गुपचुप तरीके से राज्य में अपने पीडीए फॉर्मूले पर काम कर रही हैं. इसके लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रणनीति तैयार कर रही हैं. अखिलेश यादव चाहते हैं कि जिस तरह से यूपी में पीडीए पॉलिटिक्स को पार्टी ने भुनाया है, उसे आगे भी जारी रखा जाए.
इसी योजना के तहत सपा ने यूपी में जो वृक्षारोपण अभियान चलाया जिसका नाम भी ‘पीडीए पेड़’ रखा गया। वृक्षारोपण के इस अभियान से जुड़े सपा कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए अखिलेश ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आशा है स्वतंत्रता, समता-समानता और बंधुत्व के प्रतीक ये ‘पीडीए पेड़’ सामाजिक न्याय के हरित-प्रतीक के रूप में फलीभूत होंगे.
यह सब करते हुए सपा नेता अखिलेश यादव कांग्रेस की तर्ज पर यूपी में पेपर लीक का मुद्दा हो या फिर हाथरस सत्संग कांड सभी को लेकर योगी सरकार पर प्रहार कर रहे हैं. अखिलेश और राहुल की यूपी में सक्रियता को देखकर यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस और सपा दोनों पार्टियां यूपी में योगी सरकार को चुनौती देने में जुट गई हैं.
राहुल गांधी जहां अपने दौरों से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाए हुए हैं, वहीं अखिलेश शांति से आने वाले 'राजनीतिक युद्ध' की तैयारी में जुटे हुए हैं. जिसके तहत सपा में पीडीए से जुड़े नेता अपने-अपने जिलों में निचले तबके तक पहुंच रहे हैं, वही कांग्रेस नेता दलित समाज के साथ सहभोज कर रहे हैं ताकि दलित समाज के मिले समर्थन को बरकरार रखा जा सके.