Punjab Governor Banwarilal Purohit resigns: पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शनिवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे अपने पत्र में पुरोहित ने अपने त्याग पत्र में लिखा, “व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं की वजह से, मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।” पुरोहित ने शुक्रवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि पिछले महीनों से राज्यपाल और राज्य के सीएम भगवंत मान के बीच अलग-अलग मुद्दों पर जुबानी जंग चल रही थी।
उनकी मुलाकात चंडीगढ़ महापौर चुनाव में भाजपा की जीत के कुछ दिनों बाद हुई थी। महापौर चुनाव में तीनों पदों पर भाजपा को जीत मिली है। इन चुनावों में कांग्रेस- आम आदमी पार्टी गठबंधन को झटका लगा और उसने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।
पिछले साल अगस्त में बनवारीलाल पुरोहित ने सीएम को कड़े शब्दों में एक पत्र भेजा था जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई थी कि अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं। राज्यपाल पुरोहित ने दोहराया कि उन्हें अपने पिछले पत्रों पर उनसे कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
उन्हें चेतावनी दी कि वह "संवैधानिक तंत्र की विफलता" पर राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेज सकते हैं। अपने जवाब में भगवंत मान ने कहा कि राज्यपाल ने राज्य के "शांतिप्रिय लोगों को धमकी दी है" और कानून-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल द्वारा भेजे गये अधिकांश पत्रों का उत्तर दिया जा चुका है।
इससे पहले अक्टूबर में बनवारीलाल पुरोहित ने तरनतारन 'अवैध' खनन घटना के संबंध में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखा था और इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। पत्र में उन्होंने पुलिस में भ्रष्टाचार, विधायक के करीबी रिश्तेदार की अवैध खनन में संलिप्तता और पुलिस अधिकारियों के निलंबन और एसएसपी तरनतारन के तबादले के बारे में एक विधायक के आरोपों का भी जिक्र किया।