चंडीगढ़ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पंजाब में सरकार बनाएंगे। यह टिप्पणी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर मिलने के बाद की गई।
सिंह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर के साथ एक शिष्टाचार मुलाकात थी। हमारा सदस्यता अभियान बहुत अच्छा चल रहा है, समय की प्रतीक्षा करें। हम (अपने सहयोगियों के साथ) पंजाब में सरकार बनाएंगे।" सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने के बाद कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई थी।
पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया। आम आदमी पार्टी 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। 117 सदस्यीय पंजाब विधान सभा में शिरोमणि अकाली दल (SAD) को 15 और भाजपा को 3 सीटें मिलीं।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि खट्टर के साथ यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। उन्होंने कहा, “कोई नया राजनीतिक घटनाक्रम नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री के साथ एक बढ़िया कॉफी पी।” यह पूछे जाने पर कि विधानसभा चुनाव से पहले क्या उनकी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस में “बड़े चेहरे” शामिल होंगे, सिंह ने कहा, “उसके लिए इंतजार कीजिये। सब कुछ ठीक चल रहा है। लोग बेहद उत्साहित हैं और हमारी सदस्यता अच्छी चल रही है।” उन्होंने कहा, “भगवान ने चाहा तो भारतीय जनता पार्टी और (सुखदेव सिंह) ढींढसा की पार्टी (शिअद संयुक्त) के साथ सीटों का बंटवारा कर हम सरकार बनाएंगे।”
भाजपा के साथ गठबंधन की बातचीत पर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की तो इसका यह मतलब नहीं है कि जब आप किसी से मिलें तो वह राजनीतिक ही हो। यह मात्र शिष्टाचार मुलाकात थी।”
हरियाणा सरकार की ओर से जारी तस्वीर में देखा जा सकता है कि खट्टर अमरिंदर सिंह का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पंजाब चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे, सिंह ने कहा कि वह दिल्ली जाएंगे और निश्चित तौर पर उनसे मुलाकात करेंगे।
कृषि कानूनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “अब सब कुछ खत्म हो चुका है। तीन कृषि कानूनों को संसद द्वारा वापस ले लिया गया है।” सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की छह से सात मांग मान ली है इसलिए अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है।