पंजाब कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति मिली
By भाषा | Updated: October 7, 2021 22:38 IST2021-10-07T22:38:45+5:302021-10-07T22:38:45+5:30

पंजाब कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति मिली
चंडीगढ़/सहारनपुर, सात अक्टूबर नवजोत सिंह सिद्धू सहित पंजाब कांग्रेस के कई नेताओं को बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक पुलिस थाने में हिरासत में लिये जाने के कुछ घंटे बाद लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दे दी गई।
पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन ने पंजाब के 20 से 25 विधायकों और मंत्रियों को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति दी है।
उन्होंने कहा कि उप्र पुलिस उन्हें शहर ले जाएगी जहां वे रविवार को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मिलेंगे।
इससे पहले दिन में, कई मंत्रियों और विधायकों सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, नेता यहां मोहाली में एकत्र हुए और अपने वाहनों में सवार होकर उप्र के लखीमपुर खीरी जिले में हिंसा के दौरान किसानों की हत्या को लेकर विरोध दर्ज कराने के लिये जिले की ओर रवाना हो गए। सिद्धू के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों को हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा पर रोका गया, जहां यूपी पुलिस ने अवरोधक लगाए थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी कुछ देर के लिए सिद्धू के साथ शामिल हुए।
पार्टी के कई नेता - नवजोत सिंह सिद्धू और मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वारिंग व विजय इंदर सिंगला, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ उन्हें आगे नहीं बढ़ने देने के लिए बहस कर रहे थे।
सिद्धू ने पुलिस अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों को रोकने के बजाय लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।
विरोध कर रहे कांग्रेस नेताओं के अनुसार, यूपी पुलिस के अधिकारियों ने उनसे कहा कि वे केवल पांच लोगों को लखीमपुर खीरी में जाने की अनुमति दे सकते हैं। लेकिन पार्टी नेताओं ने पंजाब के मंत्रियों और विधायकों को अनुमति देने पर जोर दिया।
एक अधिकारी ने कहा कि बाद में, उप्र पुलिस सिद्धू के अलावा मंत्रियों विजय इंदर सिंगला, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और परगट सिंह, विधायकों मदन लाल जलालपुर, फतेह जंग बाजवा, राज कुमार छब्बेवाल, हरजोत कमल, राजिंदर सिंह तथा पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों कुलजीत नागरा और पवन गोयल को एक बस में सहारनपुर के सरसावा पुलिस थाने ले गई।
पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह डैनी ने पहले कहा था कि जहां भी उन्हें लखीमपुर खीरी की ओर जाने से रोका जाएगा, वे वहां धरना देंगे। कांग्रेस विधायक सुंदर शाम अरोड़ा ने कहा था कि अगर यूपी जाने से रोका गया तो वे गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं।
विरोध मार्च से पहले, किसानों के एक समूह ने सिद्धू के काफिले को काले झंडे दिखाए, जब वह पटियाला से मोहाली जा रहा था।
इससे पहले, सिद्धू ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान किसानों की मौत के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि यदि शुक्रवार तक कार्रवाई नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
लखीमपुर खीरी में रविवार को चार किसानों को कथित तौर पर गाड़ी से कुचलकर मारने के सिलसिले में अजय मिश्रा के बेटे पर मामला दर्ज किया गया है। हालांकि मिश्रा ने आरोपों को खारिज करते हुए मामले में अपने बेटे की संलिप्तता से इनकार किया है।
सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि क्या उनका इस्तीफा वापस ले लिया गया है।
बृहस्पतिवार को मार्च निकालने से पहले सिद्धू ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस और पार्टी विधायक मजबूती से किसानों के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी मिश्रा के बेटे के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘यह लड़ाई हमारे किसानों के लिए है। अगर उत्तर प्रदेश पुलिस केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं करती है तो मैं भूख हड़ताल करूंगा। यह मेरा वचन है।’’
बाद में उन्होंने कहा, ‘‘अगर कल (शुक्रवार) तक गिरफ्तारी नहीं हुई या वह जांच में शामिल नहीं होते तो मैं भूख हड़ताल पर बैठूंगा।’’
सिद्धू ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा और राहुल गांधी को ‘लोकतंत्र का रक्षक’ बताया।
इस बीच, पानीपत से अपना मार्च शुरू करने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी सहित हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को भी हरियाणा-यूपी सीमा से आगे नहीं बढ़ने दिया गया। उनका नेतृत्व कुमारी शैलजा ने किया।
लखीमपुर खीरी में रविवार की हिंसा में मारे गए आठ लोगों में से चार किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत के लिए इलाके में एक कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे वाहनों ने टक्कर मार दी थी।
इस घटना में दो भाजपा कार्यकर्ता, मिश्रा के ड्राइवर और एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करने वाले पत्रकार रमन कश्यप की मौत हो गई। इसके अलावा तीन लोगों को कथित तौर पर आंदोलनकारी किसानों ने पीट-पीटकर मार डाला।
मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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