आम आदमी पार्टी सरकारः 1994-बैच के आईएएस धीरेंद्र कुमार तिवारी और 2009-बैच के गुरप्रीत सिंह खैरा निलंबित, आखिर क्या है वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 1, 2023 10:43 AM2023-09-01T10:43:40+5:302023-09-01T10:45:26+5:30
Aam Aadmi Party Government: सरकार ने अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम 3 (1) के प्रावधानों के तहत 1994-बैच के आईएएस अधिकारी एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव धीरेंद्र कुमार तिवारी और 2009-बैच के आईएएस अधिकारी गुरप्रीत सिंह खैरा को निलंबित कर दिया।
चंडीगढ़ः पंजाब सरकार ने पंचायतों को भंग करने के संबंध में “तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण” निर्णय के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। इससे कुछ घंटे पहले सरकार ने इस मामले में “यू-टर्न” लेते हुए उच्च न्यायालय को बताया था कि उसने राज्य में सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने की अपनी अधिसूचना वापस ले ली है।
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार सरकार ने अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम 3 (1) के प्रावधानों के तहत 1994-बैच के आईएएस अधिकारी एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव धीरेंद्र कुमार तिवारी और 2009-बैच के आईएएस अधिकारी गुरप्रीत सिंह खैरा को निलंबित कर दिया।
खैरा ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक और पदेन विशेष सचिव हैं। निलंबन अवधि के दौरान इन अधिकारियों का मुख्यालय चंडीगढ़ में होगा। निलंबन का आदेश मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने जारी किया। इससे पहले दिन में, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह राज्य में सभी ग्राम पंचायतों को भंग करने की अधिसूचना वापस ले रही है।
इस अधिसूचना से भगवंत मान सरकार के लिए बड़ी असहज स्थिति हो गयी थी। ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायतों को भंग करने के संबंध में "तकनीकी रूप से त्रुटिपूर्ण" निर्णय लेने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव और निदेशक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जब पंचायतों को भंग करने का फैसला मुख्यमंत्री भगवंत मान के संज्ञान में आया तो उन्होंने संबंधित आदेश में तकनीकी खामियों के कारण पंचायत विभाग के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। भुल्लर ने कहा कि सरकार ने ग्राम पंचायतों के लिए समय पर चुनाव कराने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
उन्होंने एक बयान में कहा, “मतदाता सूचियों को संशोधित करने, वार्डों के परिसीमन और चुनाव के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया बहुत लंबी है। राज्य में बाढ़ के कारण अधिकारी और कर्मचारी राहत प्रयासों में लगे हुए थे, इसलिए कवायद रोक दी गई।”
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तय कार्यक्रम के अनुसार पंचायत चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मान ने सर्वसम्मति से पंचायतों का चुनाव करने वाले प्रत्येक गांव के लिए पांच लाख रुपये की राशि की भी घोषणा की है।