दुर्लभ मामला! सांप के काटने से महिला का किडनी हुआ 'फेल', फिर भी डॉक्टरों ने बचा ली जान
By विनीत कुमार | Published: January 17, 2022 10:51 AM2022-01-17T10:51:44+5:302022-01-17T11:09:32+5:30
पुणे में डॉक्टरों ने एक ऐसी महिला की जान बचाने में कामयाबी हासिल की, जिसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्चरों के अनुसार ऐसा सांप के कांटने की वजह से हुआ होगा।
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में एक महिला को सांप काटे जाने के बाद उसकी किडनी फेल होने और फिर छह हफ्ते के डायलिसिस के बाद उसके पूरी तरह ठीक होने का एक दुर्लभ मामला सामने आया है। पुणे के नोबल अस्पताल के डॉक्टरों ने ये जानकारी दी।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार महिला को नोबल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में 2 दिसंबर को लाया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उनके पेशाब निकलने में तेजी से कमी आने लगी और हर जगह सूजन हो गई।
कि़डनी ने काम करना कर दिया था बंद
नोबल अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट और प्रत्यारोपण चिकित्सक डॉ अविनाश इग्नैटियस ने कहा, 'जब वह अस्पताल आई तो उसका शरीर सूज गया था। वह गंभीर तौर पर गुर्दे के कम करने के बंद हो जाने पीड़ित लग रही थी। उसे तुरंत आईसीयू में भर्ती कराया गया। ब्लड रिपोर्ट में लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स में कमी होने का पता चला है। कुछ टेस्ट के बाद हमने उसमें हेमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम (एचयूएस) नाम के एक दुर्लभ बीमारी को देखा जो संभवत: सांप के काटने के कारण हुआ होगा। बाद में किडनी की बायोप्सी से भी इसकी पुष्टि हुई।'
डॉ इग्नैटियस ने कहा, 'उसे तत्काल डायलिसिस की जरूरत थी। एचयूएस की पहचान के बाद प्लास्माफेरेसिस को भी तत्काल शुरू कर दिया गया क्योंकि उपचार में किसी भी तरह की देरी से उसकी किडनी को हमेशा के लिए नुकसान पहुंच सकता था और हालात जानलेवा हो सकते थे।'
डॉक्टर के अनुसार प्लास्मफेरेसिस के दौरान दूषित प्लाज्मा को एक विशेष प्लाज्मा-फिल्टर द्वारा हटा दिया गया और और इसे स्वस्थ प्लाज्मा से बदला गया। महिला छह सप्ताह तक डायलिसिस पर रहीं। इन छह हफ्तों में उसके पेशाब निकलने की गति में सुधार हुआ। वह अब ठीक हो रही है। उनकी किडनी ठीक हो गई है और उन्हें अब डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ेगी।
दुनिया भर में ऐसे केवल 30 मामले आए सामने
डॉक्टर ने बनाया कि यह बहुत ही दुर्लभ मामला है। इंडियन जर्नल ऑफ नेफ्रोलॉजी में प्रकाशित अध्ययनों के मुताबिक, दुनिया भर में एचयूएस से पीड़ित मरीजों और किडनी फेल होने के 30 से कम मामले सामने आए हैं।'
इंटेंसिविस्ट डॉ जेडए खान ने कहा, 'उष्णकटिबंधीय देशों में सांप काटने की कई घटनाएं आती हैं और यहां इससे मृत्यु दर अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अनुमान लगाया है कि दुनिया भर में हर साल 250,000 जहरीले सांपों के काटने की घटना में लगभग 125,000 मौतें होती हैं। इनमें से 10,000 मौतें भारत में होती हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमारे मरीज में गुर्दे के फेल होने की वजह थ्रोम्बोटिक माइक्रोएंगियोपैथी (टीएमए) है, जिसका सरल शब्दों में मतलब है गुर्दे को रक्त की आपूर्ति करने वाली सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं में सूजन और इन रक्त वाहिकाओं के लुमेन का सूक्ष्म थक्के की वजह से बंद हो जाना।'
डॉक्टर के मुताबिक सर्पदंश और गुर्दे के फेल हो जाने जैसे केस में रोगी का इलाज करते समय चिकित्सक को काफी सावधानी बरतनी होती है। इलाज तक पहुंचना एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन सौभाग्य से हम एचयूएस की मौजूदगी की पहचान और पुष्टि करने में कामयाब रहे।'