नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) की टीम पिछले साल 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए पुलवामा हमले की चार्जशीट लेकर स्पेशल NIA कोर्ट पहुंची है। NIA ने मंगलवार (25 अगस्त) को 13,500 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। 2019 के 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
NIA ने चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर और अब्दुल रऊफ असगर सहित 19 लोगों को आरोपी बनाया है। जम्मू स्थित NIA के एक विशेष अदालत में मंगलवार को दायर 13,000 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि हमले के मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक थे, जो मसूद अजहर का भतीजा है और आईसी -814 के अपहरणकर्ता इब्राहिम अजहर के बेटा है। पाकिस्तान स्थित हैंडलर सहित 19 आतंकवादियों को आरोपी बनाया गया है।
NIA ने अदालत में कहा कि उसके पास यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि फारूक (मसूद अजहर का भतीजा) पहले सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के दौरान और उसके बाद पाकिस्तान में जैश के नेतृत्व के संपर्क में था, जिसमें 40 सैनिक मारे गए थे।
चार्जशीट में जानें और क्या-क्या लिखा गया?
-एनआईए ने पुलवामा हमले में आत्मघाती हमलावर के कई साथियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर इस हमले को अंजाम देने में आतंकवादी आदिल अहमद डार की मदद की थी।
-चार्जशीट में कहा गया है कि विस्फोट के लिए 200 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें से 35 किलोग्राम आरडीएक्स था जिसे पाकिस्तान से लाया गया था और बाकी को स्थानीय रूप से अमोनियम नाइट्रेट और नाइट्रो-ग्लिसरीन की खरीदी गई थी।
-NIA ने अपने चार्जशीट में कहा है कि हमने वैज्ञानिक और डिजिटल सबूतों पर ज्यादा जोर दिया है। जांच पूरा करने में 18 महीने से अधिक समय लग गया। घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों के फोन से कॉल रिकॉर्डिंग, व्हाट्सएप चैट, चित्र और वीडियो बरामद किए गए हैं।
-चार्जशीट में फारूक (मसूद अजहर का भतीजा) के हवाले से लिखा गया है कि उसने अप्रैल 2018 में भारत में प्रवेश किया था और हमले में इस्तेमाल किए गए IED के मुख्य असेंबलर थे। वह 29 मार्च, 2020 को IED विशेषज्ञ कामरान के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
-चार्जशीट में एक अन्य प्रमुख साजिशकर्ता का नाम इस्माइल सैफुल्लाह है जो फारूक के कुछ दिनों बाद पाकिस्तान से सीमा पार कर भारत आ गया था। वह अभी भी फरार है।
-NIA ने कहा कि उसे यह दिखाने के लिए सबूत भी मिले हैं कि पुलवामा के बाद एक और बड़े हमले की योजना बनाई गई थी, लेकिन बालाकोट के हवाई हमलों के बाद यह विचार छोड़ दिया गया था।