भारत की आत्मनिर्भरता की पहली शर्त स्वदेश निर्मित उत्पादों पर गर्व करना: मोदी

By भाषा | Published: February 28, 2021 01:57 PM2021-02-28T13:57:35+5:302021-02-28T13:57:35+5:30

Proud of indigenously manufactured products, the first condition of India's self-reliance: Modi | भारत की आत्मनिर्भरता की पहली शर्त स्वदेश निर्मित उत्पादों पर गर्व करना: मोदी

भारत की आत्मनिर्भरता की पहली शर्त स्वदेश निर्मित उत्पादों पर गर्व करना: मोदी

नयी दिल्ली, 28 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में निर्मित उत्पादों पर गर्व करने को भारत की आत्मनिर्भरता की पहली शर्त करार देते हुए रविवार को कहा कि जब प्रत्येक देशवासी ऐसा करेगा तो आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक आर्थिक अभियान ना रहकर ‘‘राष्ट्रीय भावना’’ बन जाएगा और जब इस सोच के साथ देश आगे बढ़ेगा तभी सफलता मिल सकेगी।

आकाशवाणी के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम की ताजा कड़ी में अपने विचार साझा करते प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि आज आत्मनिर्भर भारत का मंत्र देश के गांव-गांव में पहुंच रहा है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर कोलकाता के एक श्रोता रंजन के विचारों पर सहमति जताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भरता की पहली शर्त होती है–अपने देश की चीजों पर गर्व होना, अपने देश के लोगों द्वारा बनाई वस्तुओं पर गर्व होना। जब प्रत्येक देशवासी गर्व करता है और प्रत्येक देशवासी जुड़ता है तो आत्मनिर्भर भारत, सिर्फ एक आर्थिक अभियान न रहकर एक राष्ट्रीय भावना बन जाता है।’’

रंजन ने प्रधानमंत्री से अपने विचार साझा करते हुए कहा था कि आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल एक सरकारी नीति नहीं है, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना है और आत्मनिर्भर होने का अर्थ अपनी किस्मत का फैसला खुद करना यानि स्वयं अपने भाग्य का नियंता होना है।

प्रधानमंत्री ने जब आसमान में अपने देश में बने तेजस लड़ाकू विमानों को कलाबाजियां करते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, भारत में बनी मिसाइलें, हमारा गौरव बढ़ाते हैं, जब समृद्ध देशों में हम भारत में निर्मित मेट्रो ट्रेन के डिब्बे देखते हैं और जब दर्जनों देशों तक भारत में बने कोरोना के टीके पहुंचते देखते हैं तो देशवासियों का माथा और ऊंचा हो जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा ही नहीं है कि बड़ी-बड़ी चीजें ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगी। भारत में बने कपड़े, भारत के प्रतिभाशाली कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तकला के सामान, भारत के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, भारत के मोबाइल, हर क्षेत्र में, हमें, इस गौरव को बढ़ाना होगा।’’

उन्होंने कहा कि जब इसी सोच के साथ देश आगे बढ़ेगा तभी सही मायने में भारत आत्मनिर्भर बन पाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि आत्मनिर्भर भारत का ये मंत्र देश के गांव-गांव में पहुंच रहा है।’’

देश में आत्मनिर्भर अभियान को गांवों में मिल रहे समर्थन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने बिहार के बेतिया के रहने वाले प्रमोद का उल्लेख किया जो कोरोना संक्रमण से पहले एलईडी बल्ब बनाने के कारखाने में नौकरी करते थे और आज वह खुद एलईडी बल्ब बनाने की छोटी से इकाई चला रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर के संतोष का जिक्र करते हुए कहा कि आपदा का अवसर में बदलते हुए उन्होंने कोरोना के समय चटाई बनाना शुरू किया और आज उन्हें ना केवल उत्तर प्रदेश बल्कि दूसरे राज्यों से भी चटाई के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए।

उन्होंने कहा, ‘‘देशभर में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां लोग ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में इसी तरह अपना योगदान दे रहे हैं। आज यह एक भाव बन चुका है, जो आम जनों के दिलों में प्रवाहित हो रहा है।

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