विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को लेकर पंजाब समेत कई राज्यों में मचा बवाल,संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किया विरोध, जानें वजह

By मेघना सचदेवा | Published: August 9, 2022 03:50 PM2022-08-09T15:50:47+5:302022-08-09T15:50:47+5:30

संसद का मानसून सत्र चल रहा है। सोमवार को विपक्ष के भारी हंगामें के बीच सरकार की तरफ से विद्युत संशोधन विधेयक 2022 से पेश किया गया। इसके बाद इसे विवेचना के लिए स्थायी समिति के पास भेज दिया गया।

Protest against Electricity Amendment bill in punjab and many states, SKM opposed the amendment | विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को लेकर पंजाब समेत कई राज्यों में मचा बवाल,संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किया विरोध, जानें वजह

विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को लेकर पंजाब समेत कई राज्यों में मचा बवाल,संयुक्त किसान मोर्चा ने भी किया विरोध, जानें वजह

Highlights पजांब में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को लेकर बवाल मचा हुआ है।नए विधेयक के तहत विद्युत अधिनियम की धारा 14 में भी संशोधन किया जाएगा। पंजाब की बात जाए तो पंजाब सरकार की तरफ से लगभग 15000 हजार करोड़ कई तरह की बिजली सब्सिडी के लिए खर्च किए जाते हैं। 

नई दिल्ली : सोमवार यानी 8 अगस्त को लोकसभा में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को पेश किया गया। पजांब में विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को लेकर बवाल मचा हुआ है। किसानों ने विधेयक की कॉपी फाड़ी। पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी से लेकर विपक्षी दल कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल भी इस विधेयक की आलोचना करते नजर आए। इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने भी इस विधेयक को लेकर एतराज जाहिर किया है। विद्युत संशोधन विधेयक 2022 क्या है। इसे लेकर पंजाब समेत कई राज्यों में बवाल क्यों मचा है इलेक्ट्रिकल इंजीनियर क्यों इसका विरोध कर रहे हैं। जानिए

विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को लेकर बवाल क्यों ?

संसद का मानसून सत्र चल रहा है। सोमवार को विपक्ष के भारी हंगामें के बीच सरकार की तरफ से विद्युत संशोधन विधेयक 2022 से पेश किया गया। इसके बाद इसे विवेचना के लिए स्थायी समिति के पास भेज दिया गया। पंजाब में इस विधेयक को लेकर सबसे ज्यादा बवाल मचा हुआ है जहां किसानों ने इसका विरोध किया है। वहीं तमिलनाडू तेलंगाना राजस्थान जैसे राज्यों से भी विरोध के स्वर उठ रहे हैं। इस बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ट्वीट कर कहा कि ये बिल जनता के हित के लिए है। इस बिल से सब्सिडी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राज्य जितनी चाहे सब्सिडी दे सकता यहां तक कि फ्री बिजली भी दे सकता है। ये बिल किसानों को कोई नुकसान नहीं पंहुचाएगा। 

बता दें कि 2003 में लागू हुए विद्युत अधिनियम में संशोधन कर 2014 से लगभग हर साल सरकार की तरफ से एक नया प्रस्ताव पेश किया जाता है। 

प्राइवेट कंपनियों को फायदा पंहुचाएगा संशोधन?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अजयपाल सिंह के मुताबिक विद्युत अधिनियम में संशोधन कर प्राइवेट कंपनियों को भी पूरी तरह बिजली सप्लाई बेचने की इजाजत मिल जाएगी। इसके लिए उनके पास लाइसेंस होना जरूरी है। नए विधेयक के तहत विद्युत अधिनियम की धारा 14 में भी संशोधन किया जाएगा। जिसका मतलब है कि प्रतिस्पर्धा को सक्षम करने और देश भर में बिजली आपूर्ति की दक्षता बढ़ाने के लिए वितरण नेटवर्क को खुले पहुंच के उपयोग की सुविधा प्रदान की जाएगी विद्युत संशोधन विधेयक.2022 के तहत बिजली उपभोक्ता कई बिजली प्रदाताओं में से चुनने में सक्षम होंगे जैसा की वो अभी एयरटेल वोडाफोन जैसी कंपनियों में से चुनते हैं। 

क्या है विरोध करने वालों का तर्क?

बिल का विरोध करने वालों की मानें तो सरकारी कंपनियां पहले ही सब जगह बिजली सप्लाई करती हैं लेकिन प्राइवेट कपंनियां अपने फायदे को देखते हुए बिजली सप्लाई करेंगी। अगर ऐसा होता है तो वो जहां जहां बिजली सप्लाई करेंगी वो एरिया सरकारी कंपनियों से बिजली नहीं लेगा जिससे वो घाटे में चली जाऐंगी। वो प्राइवेट कंपनियों का मुकाबला भी उस तरह से नहीं कर पाऐंगी। पंजाब के सीएम भंगवान मान ने भी इस संशोधन पर एतराज जाहिर किया है। उनका मानना है कि केंद्र सरकार खासकर बिजली को लेकर इस तरह के कानून बना कर देश की संघीय व्यवस्था को प्रभावित कर रही है। जिससे हमारे सविंधान की मूलभूत संरचना का उल्लंघन होता है। 

किसानों को नहीं मिल पाएगी फ्री बिजली ?

किसान आंदोलन में अहम भूमिका अदा करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा का भी मानना है कि इस संशोधन से किसानों को नुकसान होगा और गरीब किसानों को फ्री बिजली नहीं मिल पाएगी। 

फिलहाल अगर पंजाब की बात जाए तो पंजाब सरकार की तरफ से लगभग 15000 हजार करोड़ कई तरह की बिजली सब्सिडी के लिए खर्च किए जाते हैं। 

सरकारी कंपनियों को भी हो सकता है नुकसान ?

पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन के चीफ की मानें तो अगर ये विधेयक बिल बन जाता है तो इससे सरकारी कंपनियों को खासा नुकसान होगा। जबकि प्राइवेट कंपनियां इस सेक्टर में भी अपनी पैठ बना लेंगी। वहीं अजयपाल सिंह का भी यही मानना है कि इस बिल से बिजली आपूर्ति के तरीके में कोई बेहतर बदलाव तो नहीं आने वाला बल्कि इससे कई तरह की दिक्कतें बढ़ जाऐंगी। उन्होंने यूके का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां प्राइवेट कंपनियों के सही तरीके से काम न करने पर भारी नुकसान हुआ जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को चुकाना पड़ा था। पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन राज्य मेंं रैलियां निकालने की तैयारी कर रही है। उनका कहना है कि बिना बातचीत और विचार विमर्श के ये संशोधन पास नहीं होना चाहिए। 

Web Title: Protest against Electricity Amendment bill in punjab and many states, SKM opposed the amendment

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