नयी दिल्ली, नौ जून सभी धरोहर संपत्ति स्थलों को जीआईएस आधारित सूचना प्रणाली के साथ एकीकृत करना, होटलों और रेस्तरां के लिए विस्तारित समय, एक व्यापक सांस्कृतिक संसाधन प्रबंधन योजना तैयार करना और धरोहर प्रकोष्ठों की स्थापना दिल्ली मास्टर प्लान-2041 के मसौदे में उल्लिखित प्रस्तावों में शामिल हैं।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा तैयार किया गया मसौदा अब आम लोगों से आपत्तियों तथा सुझावों के लिए सार्वजनिक है।
योजना के अनुसार, सभी धरोहर संपदाओं का स्थान जीआईएस-आधारित दिल्ली स्थानिक सूचना प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा। धरोहर संपत्तियों की सूची उनकी स्थिति का आकलन करने और संरक्षण की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए हर पांच साल में अपडेट की जाएगी।
धरोहर क्षेत्र की योजना का उद्देश्य शहर में एक जीवंत सार्वजनिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा, अतिक्रमण और सार्वजनिक स्थानों से जुड़े बुनियादी ढांचे की कमी के मुद्दों को महत्वपूर्ण रूप से उठाना है। इस योजना में यमुना बाढ़ के मैदानों के पर्यावरण के अनुकूल कायाकल्प के लिए रणनीति का प्रावधान है।
मसौदे में कहा गया है कि शाहजहांनाबाद, सेंट्रल विस्टा और इंडिया गेट लॉन, कनॉट प्लेस, हौज खास, महरौली, आदि जैसे सांस्कृतिक आकर्षण के केंद्र स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं। इसमें कहा गया है कि सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों पर केंद्रित अन्य ऐसे केन्द्रों की पहचान की जाएगी।
इस योजना में दिल्ली में हरित गलियारा, धरोहर और सांस्कृतिक सर्किट या अस्थायी त्योहार सर्किट बनाने के लिए कई अवसरों की पहचान की गई है।
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