कैदी की पत्नी नहीं चाहती कि पति जेल से बाहर निकले, जानिए क्या है कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 3, 2019 08:02 PM2019-10-03T20:02:56+5:302019-10-03T20:02:56+5:30
कैदी की रिहाई में मुसीबत कोई और नहीं खुद उसकी पत्नी है। पत्नी ने कोर्ट में कहा कि वह चाहती है कि उसका पति जेल में रहे। वह कभी बाहर न आए। कैदी का नाम ऋषिपाल है और उसकी ओर से एडवोकेट सुनील शर्मा ने कोर्ट में फरोल के तहत छुट्टी देने की याचिका दायर की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अजीब मामला सामने आया है। हाई कोर्ट में एक कैदी की फरलो (सजा से छुट्टी का प्रावधान) का मामला सामने आया है।
कैदी की रिहाई में मुसीबत कोई और नहीं खुद उसकी पत्नी है। पत्नी ने कोर्ट में कहा कि वह चाहती है कि उसका पति जेल में रहे। वह कभी बाहर न आए। कैदी का नाम ऋषिपाल है और उसकी ओर से एडवोकेट सुनील शर्मा ने कोर्ट में फरोल के तहत छुट्टी देने की याचिका दायर की है।
जेल प्रशासन ने कोर्ट में कहा कि ऋषिपाल की पत्नी ने उसकी इस मांग का विरोध किया है। इस दलील से जस्टिस विभू बाखरू संतुष्ट नहीं हुए तो कैदी के वकील ने कोर्ट से कहा कि उन्हें कुछ वक्त दिया जाए, जिससे किसी और वैकल्पिक जगह की व्यवस्था करके कोर्ट को उसकी जानकारी दी जा सके। कोर्ट ने वकील की यह मांग मान ली है। मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।
पत्नी की इस बात से जेल प्रशासन कैदी पति के छुट्टी वाले आवेदन को मंजूर नहीं कर रहे हैं। कैदी (फरलो) के तहत जेल से तीन हफ्ते की छुट्टी मांग रहा है। जेल प्रशासन ने जब कैदी की छुट्टी को लेकर हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दी तब उसकी पत्नी की मांग का खुलासा हुआ।
फरलो का मतलब छुट्टी से है। कैदी एक साल में तीन बार कुल सात सप्ताह के लिए फरलो ले सकता है। शर्त यह है कि कैदी कम से कम तीन साल की सजा काट चुका हो। उसका जेल में आचरण अच्छा हो। यह पैरोल से अलग है, क्योंकि पैरोल विशेष परिस्थिति में सरकार या कोर्ट द्वारा दिया जाता है, जबकि फरलो कैदी को जेल महानिदेशक द्वारा दी जाती है।
उसके आवेदन को ठुकराए जाने पर जेल अथॉरिटी ने कोर्ट मे कहा कि याचिकाकर्ता की पत्नी ने शिकायत की है कि वह जब भी जेल से... घर आते ही मारपीट करता है, प्लीज उसे जेल से छुट्टी मत दो। पत्नी ने पति के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट से की शिकायत ... की फरलो (सजा से छु्ट्टी का प्रावधान) का मामला सामने आया है, जिसकी रिहाई उसकी खुद की पत्नी नहीं कराना चाहती है।