राष्ट्रपति अभिभाषण : सरकार की उपलब्धियों को सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष का बहिष्कार

By भाषा | Updated: January 29, 2021 17:35 IST2021-01-29T17:35:44+5:302021-01-29T17:35:44+5:30

President's Address: The government appreciated the achievements of the government, boycotted the opposition | राष्ट्रपति अभिभाषण : सरकार की उपलब्धियों को सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष का बहिष्कार

राष्ट्रपति अभिभाषण : सरकार की उपलब्धियों को सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष का बहिष्कार

(सातवें पैरा में नाम में जरूरी सुधार के साथ रिपीट)

नयी दिल्ली, 29 जनवरी बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन का सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने 100 से अधिक बार मेज थपथपा कर स्वागत किया हालांकि तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में 20 से अधिक विपक्षी दलों के बहिष्कार के कारण ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में काफी सीटें खाली थी ।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस सदस्य रवनीत सिंह बिट्टू ने तीन नये कृषि कानून के विरोध में नारेबाजी की ।

करीब एक घंटे के अभिभाषण के दौरान सरकार की उपलब्धियों का जिक्र आने पर केंद्रीय कक्ष में सदस्यों ने 107 बार मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया ।

वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनिवाल ने ट्वीट कर एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्हें कृषि कानूनों के विरोध में अभिभाषण के दौरान पोस्टर लहराते दिखाया गया है ।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के कुछ अंश का अनुवाद अंग्रेजी में पढ़ा।

कोरोना वायरस महामारी के बीच दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन किया गया था । सदस्य एक दूसरे से निर्धारित दूरी बनाकर बैठे थे । इसके अलावा कुछ सदस्यों के लोकसभा और राज्यसभा कक्ष में भी बैठने की व्यवस्था की गई थी ।

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, बीजद के पिनाकी मिश्रा, भर्तृहरि महताब, टीआरएस के नामा नागेश्ववर राव आदि भी मौजूद थे ।

केंद्रीय कक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा में सदन के नेता थावर चंद गहलोत अगली कतार में बैठे थे । इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्द्धन सहित अनेक केंद्रीय मंत्री सदन में मौजूद थे ।

अभिभाषण के दौरान कृषि सुधारों, न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, लघु सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि, कृषि बीमा, मत्स्य योजना, खाद्यान्न उत्पादन, कृषि कानूनों के उल्लेख पर कई बार तालियां बजी ।

प्रधानमंत्री सहित सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने राम मंदिर, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद चुनाव, स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर ‘वोकल फॉर लोकल’ के जिक्र पर भी मेजें थपथपायी ।

इसके अलावा मुद्रा योजना, महिलाओं की भागीदारी एवं स्वरोजगार, जनधन एवं उज्ज्वला योजना, नये एम्स को मंजूरी, शौचालयों के निर्माण का उल्लेख आने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया ।

सांसदों ने टीकाकरण अभियान, प्रत्यक्ष विदेश निवेश में वृद्धि, आधारभूत ढांचे के विकास के लिये निवेश, बोडो शांति समझौता, नक्सली हिंसा में कमी, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति भंग करने के प्रयास का जवाब देने का उल्लेख आने पर मेजें थपथपाकर स्वागत किया ।

कोविंद ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने यह भी कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।

हालांकि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों का मुद्दा उठाया और जय जवान, जय किसान के नारे लगाए ।

कांग्रेस की तरफ से अकेले रवनीत सिंह बिट्टू केंद्रीय कक्ष पहुंचे थे क्योंकि कांग्रेस सहित 20 दलों ने तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया ।

थोड़ी देर तक रवनीत ने राष्ट्रपति का अभिभाषण सुना । इसके बाद वह खड़े होकर तीनों नये कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग करने लगे । उन्होंने कहा कि सरकार को तीनों कानून रद्द करने चाहिए और एमएसपी की गारंटी दी जानी चाहिए । उसके बाद वह सदन से बाहर निकल गए ।

केंद्रीय कक्ष के बाहर से कुछ सदस्यों की नारेबाजी की आवाज भी कुछ देर अंदर सुनाई दी।

दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने चाणक्य और बाबासाहेब बी आर आंबेडकर के कथनों के साथ ही असम के कवि अंबिकागिरी रायचौधरी और मलयालम कवि वल्लथोल की उक्तियों का जिक्र किया तथा गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिरीन्द्रनाथ टैगोर के एक ओजस्वी गीत की भी कुछ पंक्तियां पढ़ीं।

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Web Title: President's Address: The government appreciated the achievements of the government, boycotted the opposition

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